लंदन में टैक्सी चलाने वाले शख्स ने खड़ा किया 42 हजार करोड़ का इम्पायर, ये है मिकी जगतियानी की कहानी

Mukesh Micky Jagtiani: आप हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके रियल लाइफ का संघर्ष रिल लाइफ जैसा है। संघर्षों से गुजरकर उनका नाम देश के 10 सबसे अमीर लोगों की सूची में शुमार हुआ। हम मुकेश अंबानी या गौतम अडानी की नहीं, बल्कि मुकेश मिक्की जगतियानी की बात कर रहे हैं।

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Mukesh Micky Jagtiani: आप हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके रियल लाइफ का संघर्ष रिल लाइफ जैसा है। संघर्षों से गुजरकर उनका नाम देश के 10 सबसे अमीर लोगों की सूची में शुमार हुआ। हम मुकेश अंबानी या गौतम अडानी की नहीं, बल्कि मुकेश मिक्की जगतियानी की बात कर रहे हैं। यह शख्स साल 2015 में फ़ोर्ब्स की भारतीय अमीरों की सूची में 10वें स्थान पर था। जिसकी नेट वर्थ 42 हजार करोड़ रुपये है। आइए डिटेल में उनके बारे में जानते हैं।

मुकेश मिकी जगतियानी कौन हैं?

मुकेश मिकी जगतियानी की साल 2015 में 6.6 बिलियन डॉलर की संपत्ति थी। उन्होंने अमीरी के मामले में आदित्य बिरला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम को भी पीछे छोड़ दिया था। दुबई बेस्ड रिटेल चेन लैंडमार्क ग्रुप उन्हीं का है। लैंडमार्क ग्रुप गल्फ कंट्री में नॉन फूड आइटम्स की बहुत बड़ी निर्यातक कम्पनी है।

कुवैत में रहता था परिवार

साल 1951 में कुवैत में जन्मे मिकी जगतियानी का परिवार कुवैत में रहता था। पर भारतीय मूल का था। हालांकि बाद में वह भारत लौटें और शुरुआती शिक्षा चेन्नई और मुंबई से ली। 17 साल की उम्र में अकाउंट्स की स्टडी के लिए लन्दन गए। पढ़ाई का खर्चा वहन करने के लिए मिकी टैक्सी चलाने लगे। कॉलेज की पढ़ाई सिर्फ इसलिए पूरी नहीं हो सकी, क्योंकि उनके पास पैसों की कमी थी, तो कुछ परीक्षाएं भी नहीं दे सके और ड्रापआउट हो गए। नतीजतन, उन्हें कोई नौकरी पर रखने को भी तैयार नहीं था। फिर वह बहरीन गए और होटल में काम किया। पर बाद में मिकी कुवैत लौट गए।  

भाई, पिता और मां चल बसे

मिकी ने कुवैत कुछ बढ़िया करने के मकसद से गए। पर उनके भाई की ल्यूकीमिया और पिता की डायबिटिज़ से मौत हो गई। मां को कैंसर था, वह भी चल बसीं। ​एकाएक मिकी से परिवार ​छीन गया। पर मिकी ने हिम्मत नहीं हारी।

बहरीन में किराए की दुकान में खोली बेबी प्रोडक्ट्स की शॉप

उस समय मिकी की उम्र करीबन 20 साल थी। तब वह समझ नहीं पा रहे थे कि जिंदगी की नई शुरुआत कहां से करें। बीमार होने से पहले उनके भाई ने बहरीन में एक दुकान ली थी। वह भी किराए की थी। मिकी ने वहीं से परिवार के द्वारा छोड़े गए 6 हजार डॉलर से बेबी प्रोडक्ट्स की दुकान शुरु की। दुकान चल पड़ी। खुद ही पैकिंग और डिलीवरी का काम करते थे। 10 साल तक इसी दुकान को आगे बढ़ाया और फिर 6 दुकानें खोली। उनके शॉप का नाम फेमस हो गया। 100 वर्कर हो गए। साल 1992 में जब खाड़ी देशों में जंग छिड़ी तो मिकी ने अपना कारोबार दुबई शिफ्ट करने का सोचा। 

42 हजार करोड़ है नेटवर्थ

अपनी पत्नी रेणुका के साथ मिकी दुबई शिफ्ट हुए और लैंडमार्क ग्रुप की शुरुआत कर दी। इस ग्रुप ने समय के साथ तरक्की की और अफ्रीका से लेकर इंडिया तक इसका कारोबार फैला। बच्चों के कपड़े और खिलौनों का निर्यात शुरु कर दिया। फिर इलेक्ट्रानिक, फर्नीचर और होटल इंडस्ट्री में काम शुरु कर दिया। अब उनकी कम्पनी में 55 हजार से ज्यादा वर्कर हैं। 2300 स्टोर हैं। मिकी की पत्नी रेणुका लैंडमार्क ग्रुप की सीईओ हैं। उनकी कम्पनी का नेटवर्थ 42 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है।

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