गोरखपुर। यूपी के गोरखपुर जिले के रहने वाले गंगाराम चौहान ने जुगाड़ से ऐसी साइकिल आटा चक्की बनाई है कि गेहूं पीसने के साथ स्वास्थ्य लाभ भी उठा सकते हैं। माई नेशन हिंदी से बात करते हुए गंगाराम कहते हैं कि साल 2020 में लॉकडाउन के समय लोगों को आटा पिसवाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। बिजली की समस्या भी आड़े आ रही थी। तब साइकिल आटा चक्की बनाने का ख्याल आया। दो महीनों में यह बनकर तैयार हो गई। 

सॉलिड वेस्ट को वेल्थ में बदलने का कर रहे काम

गंगाराम के साइकिल आटा चक्की की खासियत यह है कि उसमें आप किसी भी अनाज को पीस सकते हैं। गंगाराम सिर्फ अपने इसी इनोवेशन को लेकर चर्चा में नही हैं। बल्कि उन्होंने साइकिल थ्रेसर,  क्रेसर, ग्राइंडर, मशीन से पेड़-पौधे के पत्तों को भूसा बनाने का काम भी कर रहे हैं। गंगा राम कहते हैं पेड़-पौधों के सूखे पत्तें का उपयोग जैविक खाद बनाने के काम आएगा। पशुओं को सूखा चारा भी मिलेगा और सूखे पत्ते भी उपयोग में आ जाएंगे। इस तरह गंगाराम सॉलिड वेस्ट को वेल्थ में बदलने का काम कर रहे हैं।

 

बिक रही हैं साइकिल चक्की मशीन

मशीन के ऊपर के हिस्से में अनाज डाला जाता है, जो एक पाइप के जरिए चक्की में जाता है और उसमें से ​पीसकर आटे के रूप में एक कंटेनर में इकट्ठा होता है। गंगाराम कहते हैं कि इससे घर पर ही अनाज पीसकर पौष्टिक रोटियां बनाई जा सकती हैं। जुगाड़ से बनी इस आटा चक्की को देखकर लोग आकर्षित होते हैं। गंगाराम को इस मशीन को बनाने के लिए आर्डर भी मिल रहे हैं।

2018 में राज्य वैज्ञानिक पुरस्कार से हो चुके हैं सम्मानित

दरअसल, गंगाराम वर्षों से रिक्शे और साइकिल की मरम्मत का काम करते थे। उसी दौरान इनोवेशन का आइडिया आया। साल 2012 में गंगाराम ने यूनिक साइकिल बनाई। जिसे खींचने में कम ताकत लगती थी। साइकिल की वजन ढोने की क्षमता भी बढ़ गई। सीएम योगी आदित्यनाथ साल 2018 में उन्हें राज्य वैज्ञानिक सम्मान से पुरस्कृत भी कर चुके हैं।

 

सवा घंटे में पीस सकते हैं 10 किलो गेहूं

गंगाराम कहते हैं कि उनकी चक्की में 10 किलो गेहूं करीबन सवा घंटे में पीसा जा सकता है। इसमें बिजली की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है। लोग इसका उपयोग कर सेहतमंद भी रह सकते हैं। साइकिल चक्की चलाने से व्यायाम भी हो जाता है और लोग अपनी आवश्यकता के अनुसार आटा पीस सकते हैं।
 

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