जानिए बिहार के नए DGP IPS विनय कुमार की प्रेरक कहानी। IIT खड़गपुर से बीटेक करने से लेकर पुलिस सेवा में 33 साल के अनुभव तक, उनकी जर्नी युवाओं के लिए मिसाल है।
IPS Vinay Kumar: बिहार के नये डीजीपी विनय कुमार की कहानी यूथ के लिए इंस्पिरेशनल है। आईआईटी खड़गपुर से बीटेक करने से लेकर पुलिस सेवा में 33 साल का बेहतरीन अनुभव हासिल करने तक, उनकी जर्नी सफलता की मिसाल है। उनकी नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब बिहार में लॉ एंड आर्डर को मजबूत करने की चुनौती है। आइए, जानते हैं उनकी कहानी।
आईपीएस विनय कुमार फैमिली बैकग्राउंड
विनय कुमार का जन्म बिहार के वैशाली जिले के रामपुरानी गांव में हुआ था। उनके पिता, इकबाल शुक्ला, एक शिक्षक थे, जिन्होंने अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए कड़ी मेहनत की। चार बहनों के इकलौते भाई विनय कुमार ने आईपीएस बनकर अपने परिवार की प्रतिष्ठा में चार चांद लगाया। दो साल पहले उनकी पत्नी का निधन हो गया था, लेकिन उसके बावजूद वह कमजोर नहीं पड़ें।
गांव के सरकारी स्कूल से शुरूआती पढ़ाई
विनय कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से पूरी की। मैट्रिक तक गांव से ही पढ़ें और पटना से इंटरमीडिएट किया। हार्ड वर्क कर देश के प्रतिष्ठित संस्थान, आईआईटी खड़गपुर में दाखिला लिया। यहां से बीटेक की डिग्री हासिल की, जो उस समय एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती थी।
सिविल सेवा में जाने का निर्णय
आईआईटी जैसे संस्थान से पढ़ाई के बाद उन्होंने कॉर्पोरेट सेक्टर का रास्ता न चुनकर सिविल सेवा की तैयारी करने का फैसला लिया। उनकी मेहनत रंग लाई, और 1991 में वे आईपीएस बने। आईपीएस बनने के बाद विनय कुमार ने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। उनकी ईमानदारी और लीडरशिप स्किल ने उन्हें बिहार पुलिस का एक प्रमुख चेहरा बना दिया। पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड में डीजी के रूप में अहम काम किए। क्राइम कंट्रोल और पुलिस मॉडर्नाइजेशन में उनके योगदान को सराहना मिली। 2024 में, बिहार के डीजीपी का पद संभाला, जहां उनसे कानून-व्यवस्था को सुधारने और पुलिस प्रणाली में ट्रांसपेरेंसी लाने की उम्मीद है।
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