मॉडलिंग और कॉरपोरेट सेक्टर की शानदार नौकरी छोड़, बिहार की आस्था सिंह ने 'ग्रामश्री किसान' की शुरुआत की। आज उनकी इस पहल से हजारों किसान जुड़ चुके हैं और उनका टर्नओवर करोड़ों में है।
नई दिल्ली: बिहार की आस्था सिंह ने मॉडलिंग से लेकर कॉरपोरेट सेक्टर तक जॉब किया। फिर किसानों की मदद करने के लिए लाखों की नौकरी छोड़ दी। एक समय जहां मॉडलिंग और कॉर्पोरेट जगत में उन्हें खूब नाम मिला, वहीं आज वो एक सफल बिजनेसमैन के रूप में किसानों की जिंदगी संवार रही हैं। आस्था ने 'ग्रामश्री किसान' नाम से एक बिजनेस की शुरूआत की, जो अब करोड़ों के टर्नओवर के साथ एक बड़ा नाम बन चुका है। आइए जानते हैं कि कैसे वह एक मॉडल से सफल बिजनेसमैन बनीं।
12वीं के बाद मॉडलिंग की दुनिया में कदम
पटना की रहने वाली आस्था सिंह ने 12वीं के बाद ही मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा था। हालांकि, उनकी एजूकेशन हमेशा से प्रॉयरिटी रही। आस्था ने इंजीनियरिंग की डिग्री पुणे से प्राप्त की और फिर एमबीए किया। पढ़ाई और मॉडलिंग के साथ संतुलन बनाते हुए, उन्होंने कई बड़ी कंपनियों में काम किया। इनमें टाटा टेलीसर्विसेज, भारती इंफ्राटेल लिमिटेड और ओयो जैसे बड़े नाम शामिल हैं। ओयो में सिटी हेड के पद पर रहते हुए उन्हें 18 लाख रुपये सालाना का पैकेज मिलता था। लेकिन, उनकी सोच सिर्फ यहां तक सीमित नहीं थी।
परिवार की असहमति की वजह से छोड़ी मॉडलिंग
आस्था का मॉडलिंग में भी खासा रुझान था। मुंबई में फोटोशूट के बाद उनका चयन एक इंटरनेशनल मॉडलिंग प्रतियोगिता के लिए हुआ। उन्हें फिलीपींस जाने का अवसर भी मिला। लेकिन परिवार की सहमति न मिलने के कारण आस्था ने मॉडलिंग का यह सपना छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने इस क्षेत्र को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया और किसानों की मदद के लिए काम करने का फैसला लिया।
जून 2019 में ‘ग्रामश्री किसान’ की शुरूआत
आस्था ने जून 2019 में ‘ग्रामश्री किसान’ की नींव रखी। उनका मकसद था किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें आधुनिक तकनीकों और संसाधनों से जोड़ना। शुरुआत में उन्होंने एक यूट्यूब चैनल शुरू किया, जिसमें खेती, पशुपालन और मछली पालन से संबंधित वीडियो अपलोड किए। 2020 में उन्होंने अपना मोबाइल एप लॉन्च किया, जो किसानों के लिए बेहद मददगार साबित हुआ। साल 2021 में पटना में पहला ‘ग्रामश्री किसान’ सेंटर खोला गया।
ट्रेनिंग के साथ किसानों के रहने, खाने और ट्रेवेल की सुविधा फ्री
‘ग्रामश्री किसान’ का बिजनेस मॉडल किसानों को उनके प्रोडक्ट्स के सही मूल्य दिलाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने पर केंद्रित है। इस मॉडल में किसानों को पशुपालन, मछली पालन और खेती के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। पटना में स्थित उनका सेंटर 3 एकड़ में फैला हुआ है, जहां किसानों को बकरी पालन, गाय पालन, मुर्गी पालन और मछली पालन की पूरी जानकारी दी जाती है। यहां ट्रेनिंग के साथ ही रहने, खाने और ट्रेवेल की सुविधा भी फ्री में दी जाती है।
स्टार्टअप पॉलिसी के तहत भी मिला पैसा
जब आस्था ने इस बिजनेस की शुरुआत की, तो उन्होंने अपनी 27 लाख रुपये की जमा पूंजी इसमें लगाई। उनकी पार्टनर फर्म ने 30 लाख रुपये का निवेश किया, जिससे इसकी शुरूआत हो सकी। इसके अलावा, बिहार सरकार की स्टार्टअप पॉलिसी के तहत उन्हें 10 लाख रुपये की सहायता प्राप्त हुई। साथ ही भारत सरकार से 24 लाख रुपये की ग्रांट भी मिली, जिससे बिजनेस को और विस्तार मिल सका।
परियोजना से जुड़े हैं 6 हजार से ज्यादा किसान
आज 'ग्रामश्री किसान' बिहार के 26 ब्लॉकों में फैला हुआ है। इस परियोजना से 6 हजार से ज्यादा किसान जुड़े हुए हैं, जिन्हें बेहतर ट्रेनिंग और मॉडर्न टेक्नोलॉजी से खेती और पशुपालन करने की जानकारी दी जाती है। नतीजतन, किसान अब ज्यादा प्रोडक्शन कर रहे हैं और अपनी इनकम बढ़ा रहे हैं। आस्था की मेहनत ने उन्हें एक सफल बिजनेसमैन बना दिया है, और अब उनका टर्नओवर 3 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है।
पोल्ट्री और डेयरी फॉर्म में मिली सक्सेस
आस्था के ‘ग्रामश्री किसान’ के तहत मुर्गी पालन, डेयरी फार्म और मछली पालन में भी बड़ा योगदान है। शुरुआत में मात्र 100 मुर्गियों से शुरू हुए उनके पोल्ट्री फार्म में आज 1000 मुर्गियां हैं। इसी तरह, 2 गायों से शुरू हुआ डेयरी फार्म अब 10 गायों का हो चुका है। इसके साथ ही मछली पालन और बकरी पालन में भी उन्होंने बड़ी सफलता हासिल की है।
Last Updated Oct 14, 2024, 11:21 AM IST