ये हैं कोलकाता के सुमन मुखर्जी: मां से सीखा संगीत, सोशल मीडिया से पहचान...सोनू निगम भी गाने कर चुके हैं शेयर

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published May 14, 2024, 1:54 PM IST

कोलकाता के सुमन मुखर्जी का बचपन से ही संगीत से गहरा लगाव था। खेलने कूदने की उम्र में ही मां से संगीत के गुर सीखें और कॉलेज टाइम में गुरूजनों का हाथ पकड़कर आगे बढ़ें। सोशल मीडिया से नयी पहचान मिली। मशहूर गायक सोनू निगम भी उनके गानों की तारीफ करते हैं।

पश्चिम बंगाल के वीर भूमि जिले में जन्मे सुमन मुखर्जी का बचपन से संगीत के प्रति गहरा लगाव था। तीसरी कक्षा से ही संगीत सीखना शुरू कर दिया। माय नेशन हिंदी से बातचीत में वह कहते हैं कि मां नीता मुखर्जी का शुरूआती दिनों से ही संगीत से लगाव था। उन्हीं से संगीत सीखा और फिर धीरे-धीरे यही कॅरियर बन गया। अब तक कई अवार्ड जीत चुके हैं। प्रसिद्ध गायक और संगीत निर्देशक सोनू निगम भी सोशल मीडिया पर उनके गानों की कई बार तारीफ कर चुके हैं। सुमन के पिता पुलक मुखर्जी वेस्ट बंगाल पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल हैं। 

मशहूर गायक सोनू निगम की तारीफ

सुमन मुखर्जी ने रवींद्र भारती विश्वविद्यालय कोलकाता से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किया। पूरे विश्वविद्यालय में उन्हें सातवीं रैंक मिली। कई आयोजनों में सम्मानित हुए। क्लासिकल वॉइस ऑफ इंडिया, पुरवाई संस्कृति कला विकास केंद्र, महाराष्ट्र अंर्तध्वनि में पहला स्थान हासिल किया। अपने टैलेंट से लोगों को परिचित कराने में सोशल मीडिया बहुत काम आया। मशहूर पार्श्व गायक सोनू निगम ने ब्लागिंग प्लेटफॉर्म पर उनका वीडियो देखा तो खुद को तारीफ करने से नहीं रोक सके। कई बार उनके गानों को भी शेयर किया। 

प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक अनोल चटर्जी से सीख रहें गायन के गुर

सुमन ने पहले उत्पल राय फिर मशहूर शास्त्रीय गायक पंडित पार्थसारथी देसीकन और अब प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक अनोल चटर्जी से गायन के गुर सीख रहे हैं। उनका यह सफर आसान नहीं था। कॉलेज के दोस्त और रिलेटिव अक्सर सवाल खड़े करते हुए कहते थे कि इससे कुछ भी अचीव नहीं होगा। टाइम वेस्ट कर रहे हो। पर उन्होंने किसी की बात सुनी नहीं और अपना अभ्यास जारी रखा। 

सोनू निगम से हुए थे इंस्पायर

वह कहते हैं कि 8वीं क्लास में सोनू निगम के गानों को सुनकर इंस्पायर हुआ और तय किया कि इस क्षेत्र में बहुत अच्छा करना है। गंभीरता से रियाज शुरू कर दिया। पैरेंट्स का सपोर्ट मिला। पिता ने कहा कि जो तुम्हें अच्छा लगता है, वही करो। फिर सुमन मुखर्जी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और सुर साधना में तल्लीन हो गए। कार्यक्रमों में परफॉर्म करना और लोगों को संगीत सिखाना उनकी दिनचर्या में शामिल है। वह कहते हैं कि आनलाइन क्लासेज में दूसरे देशों के लोग भी शामिल होते हैं।

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