कोविड में बंद हो गया काम तो बन गई 'मॉडल चायवाली', अब मंथ में कमाई 1 लाख रु.

By Kavish Aziz  |  First Published Jul 25, 2023, 6:04 PM IST

कहते हैं कभी कभी आपका ड्रीम इसलिए नहीं पूरा होता क्यूंकि ऊपर वाले ने आपके लिए कुछ बेहतर प्लान किया होता है, गोरखपुर की सिमरन गुप्ता की कहानी कुछ ऐसी ही है वो मॉडल बनना चाहती थी और बन गयीं चायवाली, अपनी चाय की दुकान से सिमरन अपना पूरा घर चला रही हैं और इसमें वो संतुष्ट हैं।  

गोरखपुर. सिमरन गुप्ता ने ये तो साबित कर दिया की मुश्किल से मुश्किल घडी में वो हिम्मत नहीं हार सकतीं। मॉडलिंग करने की ख्वाहिश में वो मिस गोरखपुर बन गयीं, कई जगहों से मॉडलिंग के लिए कॉल आई जिसके बाद दिल्ली, जयपुर जाकर मॉडलिंग किया लेकिन कोविड ने मॉडलिंग के सपनो में विराम लगा दिया, और फिर सिमरन बन गईं 'मॉडल चाय वाली' 

कौन हैं सिमरन गुप्ता
सिमरन गुप्ता गोरखपुर के सूरजकुंड में अपने परिवार के साथ रहती हैं, गोरखपुर यूनिवर्सिटी से वो आर्ट्स ग्रैजुएट हैं, उनके पिता राजेंद्र कुमार गुप्ता एक मामूली सी प्राइवेट जॉब करते हैं, छोटा भाई शरीरिक और मानसिक रूप से विकलांग है, और माँ ज़्यादातर बीमार रहती हैं, शहर के उंचवा मोहल्ले में उनका अपना मकान था जो साल 2016 में भाई के इलाज और आर्थिक तंगी के कारण बिक गया।  सूरजकुंड में सिमरन जिस घर में रहती हैं उसका किराया 5000  रुपया महीना है।

और बन गईं मिस गोरखपुर
सिमरन को शुरू से मॉडलिंग में दिलचस्पी थी , साल 2018  में सिमरन ने मिस गोरखपुर का ताज हासिल किया जिसके बाद उनका कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ गया, कई विज्ञापन के लिए सिमरन ने काम किया। दिल्ली जयपुर मॉडलिंग के लिए इन्वाइट की गईं  लेकिन कोविड  ने उनके सपनो को तोड़ कर रख दिया।



बिजली विभाग में नौकरी किया
कोविड में सिमरन का काम बंद हो गया घर का खर्चा चलना मुश्किल हो गया, तभी फतेहपुर में बिजली विभाग में संविदा पर उनकी नौकरी लग गयी।  सिमरन को लगा अब सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन पांच  महीने तक सैलरी न आने के कारण ये नौकरी  छोड़ना पड़ा।

बड़े स्टार्टअप के लिए नहीं था पैसा
बिजली विभाग की नौकरी छूटने के बाद सिमरन के लिए फैसले की घडी थी, उन्हें कुछ न कुछ तो करना था, बड़े बिज़नेस के लिए पैसा नहीं था तो प्रफुल्ल बिल्लोरे और ग्रेजुएट चाय वाली से प्रेरित होकर उन्होंने 'मॉडल चाय वाली' के नाम से चाय की दुकान खोल ली।  



10 रुपये की एक चाय
सिमरन ने सिविल लाइंस में गोरखपुर यूनिवर्सिटी के रानी लक्ष्मी बाई छात्रावास के बाहर दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज के गेट के बगल में अपनी चाय की स्टाल लगा ली. उनकी एक चाय 10 रूपये की है।  सुबह 6 बजे से शाम 7  बजे तक सिमरन चाय बेचती हैं।  

लोगों का मिला प्यार
माय नेशन से बात करते हुए सिमरन ने कहा की मुझे अफ़सोस नहीं है की मैं मॉडल नहीं बन सकी, अब जो काम कर रही हूँ उसमे कामयाबी मिल रही है, मेरी चाय लोगों को पसंद आ रही है, लोग मेरा हौसला बढ़ाते हैं और सबसे बड़ी बात मेरे घर का खर्च ठीक चल रहा है।

चाय की दुकान को बड़ा बनाना है सपना
सिमरन एक दिन में 250 से 300 कप चाय आराम से बेच लेती हैं, जिससे महीने 75000 से 100000 तक की आमदनी आराम से हो जाती है।  फ़िलहाल सिमरन अपनी चाय की दुकान को बड़े लेवल पर ले जाना चाहती।  


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