Success Story: बचपन में पिता की मौत-मुंबई की चॉल में रहें, अब महिंद्रा की इस कम्‍पनी के MD-15 Cr सैलरी

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Aug 1, 2024, 11:27 PM IST

मुंबई के कलबादेवी चॉल से महिंद्रा की कोटक म्यूचुअल फंड के एमडी और ग्रुप प्रेसिडेंट बनकर बड़ा मुकाम हासिल किया। जानिए निलेश शाह की सफलता की कहानी।

नई दिल्‍ली। मुंबई के कलबादेवी की चॉल में संघर्षों के बीच बचपन बीता। मिल मजदूर पिता की बचपन में ही मौत हो गई। मां ने परिवार संभाला। बेटे को पढ़ाई कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। आज वही बेटा महिंद्रा की कम्पनी कोटक म्यूचुअल फंड (Kotak Mutual Fund) का एमडी और ग्रुप प्रेसिडेंट है। हम बात कर रहे हैं निलेश शाह की। आइए जानते हैं कि कैसे उन्होंने मुश्किलों को हराकर बड़ा मुकाम हासिल किया।

प्रिंसिपल ने माफ कर दी फीस

जीवन के शुरूआती दौर में निलेश शाह के सामने कठिन परिस्थितियां थी। 250 वर्ग फीट के कमरे में परिवार रहता था। पिता के गुजर जाने के बाद मां के कंधों पर उनके पालन—पोषण की जिम्मेदारी आ गई। उन्होंने बेटे को हमेशा पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। वह कहती थी कि एजूकेशन ही हर मुश्किल का जवाब दे सकता है। निलेश पढ़ाई में तेज थे। स्कूल के प्रिंसिपल ने उनके टैलेंट को पहचाना और परिस्थितियों को देखते हुए स्कूल फीस माफ कर दी। शर्त रखी कि उन्हें हर क्लास में टॉप करना होगा। यहीं पर उन्हें अपनी मां से मिले ईमानदारी, हार्ड वर्क और विनम्रता के संस्कार काम आएं और जीवन बदलना शुरू हो गया।

50 रुपये स्टाइपेंड पर किया काम

निलेश पर पढ़ाई के साथ घर की जिम्मेदारियां निभाने का भी दबाव था। उस समय एमबीए का क्रेज था। पर उन्होंने उसकी जगह CA करने का फैसला लिया। समय के साथ एक फर्म में 50 रुपये स्टाइपेंड पर इंटर्नशिप मिल गई। कुछ समय बाद उनका यही स्टाइपेंड बढ़कर 250 रुपये हो गया तो पैसों की तंगी थोड़ी दूर हुई और वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे सकें। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई। सीए फाइनल रिजल्ट में देश भर में पहली रैंक हासिल की। फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

सालाना सैलरी 15 करोड़ रुपये से ज्यादा

निलेश शाह अब 4 लाख करोड़ का फंड मैनेज करने वाली कोटक म्यूचुअल फंड के एमडी हैं। सालाना सैलरी 15 करोड़ रुपये से ज्यादा है। जमीन से उठकर बुलंदियों तक पहुंचने वाले शाह पैसे ज्यादा भरोसे को महत्व देते हैं। एक पॉडकास्ट में उन्होंने कहा है कि मां ने हमेशा मुश्किलों का मजबूती से सामना करने की शिक्षा दी और इसके लिए प्रेरित भी किया। 

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