वेटर से लेकर बर्तन तक धोएं...UPSC में फेलियर, फिर शुरू किया ये काम, अब सालाना टर्नओवर 3 करोड़

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Jul 31, 2024, 5:23 PM IST
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बिहार के अमरदीप ने आर्थिक तंगी और संघर्षों से हार नहीं मानी। यूपीएससी में फेलियर के बाद नौकरी की। फिर अगरबत्ती व्यवसाय शुरू किया। अब सालाना टर्नओवर 3 करोड़ रुपये है। जानिए कैसे उन्होंने अपने संघर्ष को सफलता में बदला।

नई दिल्‍ली। बिहार के अमरदीप का शुरूआती जीवन संघर्षों से भरा रहा। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि रेस्टोरेंट में वेटर से लेकर बर्तन धोने तक काम किया। कुछ कर गुजरने का जुनून ऐसा कि काम के दौरान पढ़ाई भी जारी रखी। बच्चों को भी ट्यूशन पढ़ाया। यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली भी गए। पर सफलता नहीं मिली तो जॉब की। अंत में बिहार वापस आएं और समस्तीपुर में अगरबत्ती का कारखाना शुरू कर दिया। अब उनका सालाना टर्नओवर 3 करोड़ रुपये है। अमरदीप की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणादायक है, जो जीवन के संघर्षों से थक-हारकर बैठ जाते हैं।

7 रुपये डेली पर करते थे काम

बिहार के एक गरीब परिवार में जन्मे अमरदीप आर्थिक तंगी के बीच पले-बढ़ें। परिवार का सहारा बनने के लिए कम उम्र में ही एक रेस्टोरेंट में काम करने लगें। उसके एवज में उन्हें डेली 7 रुपये मिलते थे। इतनी मामूली सी रकम परिवार के लिए पर्याप्त नहीं थी। पर आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उनका जीवन सुबह से शाम तक रेस्टोरेंट तक ही सिमट कर रह गया था, वेटर से लेकर बर्तन धोने तक काम किया। फिर भी उनकी आंखों में पढ़ाई का सपना जिंदा रहा।

रेस्टारेंट में काम के साथ पढ़ाई भी, यूपीएससी में फेलियर

बहरहाल, रेस्टारेंट में 8 साल काम करने के दौरान अमरदीप ने मैट्रिक पास की। बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाया। कुछ अच्छा करने की सोच थी तो पहले पटना और फिर दिल्ली गए। सिविल सर्विस एग्जाम यानी यूपीएससी क्रैक करने का लक्ष्य बनाया। हालांकि वह उसमें असफल रहें। बेंगलुरु में अच्छी सैलरी पर कॉर्पोरेट जगत में काम किया। पर जॉब से उन्हें संतुष्टि नहीं मिल रही थी। उसके बजाए जरुरतमंदों की मदद करने की इच्छा थी। इस अधूरेपन को पूरा करने के लिए ​बिहार वापस आएं।

6 लाख से शुरू किया काम, अब 100 को रोजगार

अमरदीप की पत्नी डॉ. हेमलता सिंह ने भी उनको अपने समुदाय के लोगों की मदद करने के लिए प्रेरित किया तो रामपुर समथू में एक NGO की नींव रखी। साल 2019 में 'मोरंग देश वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड' कम्पनी शुरू की। महज 6 लाख रुपये के इंवेस्टमेंट से अगरबत्ती बनाने का काम शुरू किया, जो अब बड़ा आकार ले चुका है। लगभग 100 लोगों को रोजगार मिला है, 3 करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर है। अमरदीप मंदिरों से निकलने वाले फूलों का यूज कर प्रोडक्ट बनाते हैं। 

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