कभी Pizza Hut में नौकरी, आज खुद का बिजनेस, 8 करोड़ सालाना कमाई

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Oct 24, 2024, 11:15 AM IST

कभी Pizza Hut में नौकरी करने वाले शिजू पप्पन ने भारतीय स्ट्रीट फूड को पहचान दिलाने के लिए 8 करोड़ सालाना कमाई वाली 'द चटपटा अफेयर' कैफे चेन की शुरुआत की। 

नई दिल्‍ली: राजस्थान के एक छोटे से कस्बे से निकलकर दिल्ली की भीड़भाड़ में अपनी पहचान बनाने वाले शिजू पप्पन की स्टोरी इंस्पिरेशनल है। एक समय था जब वह Pizza Hut में नौकरी कर रहे थे, और आज 8 करोड़ रुपये सालाना कमाई करने वाली अपनी खुद की कैफे चेन "द चटपटा अफेयर" के मालिक हैं। शिजू की कहानी साबित करती है कि अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो, तो कोई भी मुश्किल आपके सपनों की राह में बाधा नहीं बन सकती।

कम उम्र में पैरेंट्स का देहांत

शिजू पप्पन का जन्म राजस्थान के एक छोटे से कस्बे में हुआ था। उनका बचपन संघर्षों से भरा था, क्योंकि उनके माता-पिता का देहांत काफी पहले ही हो गया था। इस वजह से बचपन से ही उनकी लाइफ चैलेंजिंग बन गई थी। इकोनॉमिक प्रॉब्लम दूर करने के लिए कम उम्र में ही काम करने लगे। अपना खर्च खुद उठाना शुरू किया।

Pizza Hut में सफाई से लेकर सर्विस तक किया काम

1997 में, शिजू पप्पन बेहतर अवसरों की तलाश में दिल्ली पहुंचे। गुजारा करने के लिए उन्होंने Pizza Hut में नौकरी शुरू की, जहाँ उन्होंने सफाई से लेकर सर्विस तक के काम किए। उस समय उन्हें महज 5000-6000 रुपये प्रति महीने की सैलरी मिलती थी। इतने कम पैसे में दिल्ली जैसे महंगे शहर में रहना आसान नहीं था। किराया, बिजली और खाने का खर्च पूरा करना मुश्किल था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। शिजू पप्पन हमेशा अपने काम के दौरान मार्केट के रुझानों और कस्टमर्स की पसंद को ध्यान से देखते थे। करीब 20 साल तक उन्होंने फास्ट-फूड इंडस्ट्री में काम किया। इस दौरान उन्होंने कई कम्पनियों में काम किया। "सदर्न फ्राइड चिकन" के सीईओ भी रहें।

भारतीय स्ट्रीट फूड की कमी को पहचाना

वर्षों फूड इंडस्ट्री में काम करते हुए शिजू ने भारतीय स्ट्रीट फूड की एक बड़ी कमी को पहचाना। पिज्जा और बर्गर जैसे फास्ट फूड तो हर जगह उपलब्ध थे, लेकिन भारतीय स्ट्रीट फूड को वो पहचान और सम्मान नहीं मिला था, जो इसे मिलना चाहिए था। इसी सोच के साथ शिजू पप्पन ने 2020 में "द चटपटा अफेयर" की शुरुआत की। शिजू ने अपने व्यवसाय की शुरुआत छोटे पैमाने पर की। सबसे पहले एक मोबाइल कार्ट का सहारा लिया, जिसमें भारतीय स्ट्रीट फूड बेचा जाता था। शुरुआती दौर में कम प्रोडक्ट्स के साथ कस्टमर्स को टारगेट किया, उनकी मेहनत ने जल्द ही रंग दिखाना शुरू किया। कस्टमर्स उनके स्ट्रीट फूड को लाइक करने लगे।

अब "द चटपटा अफेयर" के 50 आउटलेट्स, सालाना 8 करोड़ का कारोबार

धीरे-धीरे 'द चटपटा अफेयर' कैफे चेन कई जगहों पर शुरू होने लगे। अब पूरे भारत में 50 आउटलेट्स हैं। बेंगलुरु, चेन्नई, गुरुग्राम और हैदराबाद में भी उनका आउटलेट देखा जा सकता है। शिजू पप्पन का सपना था कि भारतीय स्ट्रीट फूड को वह पहचान मिले, जो अंतरराष्ट्रीय फास्ट-फूड जैसे पिज्जा और बर्गर को मिल चुकी है। उनके मेनू में लगभग 200 से भी अधिक स्ट्रीट फूड व्यंजन हैं, जिनमें बिहार का लिट्टी चोखा, उत्तर भारत की चाट, और दक्षिण भारत के कई डिशेज शामिल हैं। आज शिजू पप्पन की कंपनी 'द चटपटा अफेयर' सालाना लगभग 8 करोड़ रुपये का कारोबार कर रही है। 

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