स्कूल ड्रॉपआउट कैसे बना 3425 Cr की कंपनी का CEO? कभी 400 Rs में रेडियो रिपेयरिंग का काम

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Dec 10, 2024, 11:22 AM IST

महाराष्ट्र के रहीमतपुर गांव में जन्मे कैलाश काटकर ने 10वीं में पढ़ाई छोड़ी और रेडियो रिपेयरिंग से करियर शुरू किया। आज उनकी कंपनी 'क्विक हील टेक्नोलॉजीज' एंटीवायरस के क्षेत्र में दुनियाभर में मशहूर है। पढ़ें उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी।

नई दिल्ली। 10वीं क्लास की पढ़ाई छोड़कर रेडियो रिपेयरिंग का काम शुरू किया। अब 3425 करोड़ की कंपनी क्विक हील टेक्नोलॉजीज के मालिक हैं। उनकी कंपनी एंटीवायरस के लिए मशहूर है, जो कंप्यूटर और मोबाइल को सेफ रखने में मदद करती है और मौजूदा समय में अमेरिका, जापान, यूएई और अफ्रीका स​मेत कई कंट्रीज में काम कर रही है। असंभव को संभव कर उन्होंने एक मिसाल पेश की है। आइए जानते हैं उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी।

आर्थिक तंगी की वजह से 10वीं क्लास में छोड़ी पढ़ाई 

कैलाश काटकर का जन्म महाराष्ट्र के रहीमतपुर गांव में हुआ। उनका परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था, इस वजह से उन्हें 10वीं क्लास में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी। पढ़ाई छोड़ने के बाद कैलाश पुणे चले गए, जहां उन्होंने एक रेडियो और कैलकुलेटर रिपेयरिंग शॉप में नौकरी की। वहां सिर्फ 400 रुपये सैलरी मिलती थी। धीरे-धीरे उन्होंने रेडियो रिपेयरिंग में महारत हासिल की। टेक्नोलॉजी के प्रति उनका इंटरेस्ट बढ़ गया।

1991 में अपने दम पर खड़ी की दुकान

1991 में कैलाश ने ₹15,000 की सेविंग से अपनी रेडियो रिपेयरिंग की दुकान खोली। अपने छोटे भाई संजय काटकर की पढ़ाई का खर्च भी उठाया, जो कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहा था। दुकान चलाते समय कैलाश ने पहली बार एक बैंक में कंप्यूटर देखा। इससे प्रभावित होकर उन्होंने कंप्यूटर रिपेयरिंग का शॉर्ट टर्म कोर्स किया। कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बारे में भी जानकारी हासिल की।

कैसे आया एंटीवायरस बनाने का विचार?

कंप्यूटर रिपेयरिंग करते समय कैलाश ने देखा कि अधिकतर समस्याएं कंप्यूटर वायरस की वजह से होती हैं। कैलाश ने अपने भाई संजय, जो कंप्यूटर साइंस के स्पेशलिस्ट थे, उनके साथ मिलकर एंटीवायरस डेवलप करने का ​निर्णय लिया और 1995 में एंटीवायरस तैयार किया। जिसे मात्र 700 रुपये में बेचा और फिर एंटीवायरस बिजनेस पर ही पूरी तरह फोकस किया।

सीएटी से क्विक हील तक...

1995 से लेकर 2007 तक, उनकी कंपनी सीएटी कंप्यूटर सर्विसेज लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी। 2007 में उन्होंने कंपनी का नाम बदलकर क्विक हील टेक्नोलॉजीज कर दिया। आज क्विक हील दुनियाभर के देशों में अपनी पहचान बना चुकी है। कंपनी का आफिस जापान, अमेरिका, अफ्रीका, और यूएई में भी है। 2016 में कंपनी की शेयर मार्केट में लिस्टिंग हुई। मौजूदा समय में कंपनी का मार्केट कैपिटल ₹3425 करोड़ रुपये है।

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