UPSC Success Story: राजस्थान के जैसलमेर के गरीब परिवार के देशल दान ने पिता के चाय बेचने और आर्थिक संघर्ष के बीच UPSC में 82वीं रैंक हासिल की। जानें कैसे उन्होंने गरीबी को हराकर रचा इतिहास।
UPSC Success Story: कहते हैं, अगर आपके इरादे पक्के हों, तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको अपनी मंज़िल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती। ऐसी ही इंस्पिरेशनल स्टोरी है देशल दान रतनु की, जो राजस्थान के जैसलमेर के एक गरीब परिवार से आते हैं। उनके पिता चाय बेचते थे, लेकिन उन्होंने अपने बेटे के सपनों को मरने नहीं दिया। सीमित संसाधनों के बावजूद बिना कोचिंग के देशल दान ने न केवल यूपीएससी परीक्षा पास की, बल्कि आल इंडिया 82वीं रैंक हासिल करके इतिहास रच दिया।
देशल दान रतनु एजूकेशन
देशल दान रतनु का जन्म राजस्थान के जैसलमेर में हुआ। बचपन से ही वे पढ़ाई में काफी होशियार थे। उनका सपना बड़े होकर अधिकारी बनने का था। उन्होंने क्लासेज में हमेशा टॉप किया। हार्ड वर्क के दम पर आगे बढ़ते रहे। आईआईटी जबलपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री ली। उसी दरम्यान यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। पढ़ाई में रेगुलरिटी बनाए रखी।
आर्थिक स्थिति की चुनौती देकर बढ़े आगे
देशल दान एक गरीब परिवार से थे। उनके पिता चाय की दुकान चलाते थे, और परिवार में सात भाई-बहन थे। उनके पिता पर एक बड़े परिवार को चलाने की जिम्मेदारी थी। कमजोर फाइनेंशियल सिचुएशन उनकी हालत और ज्यादा खराब कर रही थी। पर उन्होंने इन परिस्थितियों को अपनी सक्सेस की राह में रोड़ा नहीं बनने दिया।
भाई की प्रेरणा आई काम
देशल दान के बड़े भाई इंडियन नेवी में थे और 2010 में शहीद हो गए। यह घटना उनकी लाइफ का टर्निंग पॉइंट बनी। उनके भाई ने हमेशा उनसे अधिकारी बनने की बात कही थी। इससे इंस्पायर होकर उन्होंने खुद को पूरी तरह यूपीएससी की तैयारी में झोंक दिया। बिना किसी कोचिंग के, उन्होंने अपने दम पर यूपीएससी की तैयारी की। टाइम मैनेजमेंट पर फोकस किया। नोट्स बनाना, रिवीजन, और प्रीवियस ईयर के पेपर की प्रैक्टिस उनकी स्ट्रेटजी का हिस्सा थी। देशल दान रतनु ने अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी एग्जाम क्रैक किया और 82वीं रैंक हासिल कर आईएएस अफसर बन गए।
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Last Updated Dec 9, 2024, 10:19 AM IST