ज़ोहो के श्रीधर वेंबू-जेरोधा नितिन कामत के बाद तीसरे ऐसे शख्‍स, जीरो फं​डिंग से खड़ी कर दी 8000 Cr की कंपनी

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Feb 28, 2024, 8:57 PM IST

सिर्फ 16 साल की उम्र में अपने भाई के साथ एक छोटा बिजनेस शुरु किया था, जो समय के साथ EaseMyTrip के एक सक्सेसफुल बिजनेस में बदल गया। साल 2023 में करीबन 140 करोड़ का मुनाफा कमाया। साल 2021 में आईपीओ लाकर मार्केट से फंड हासिल किया।  

Success Story: बिजनेस की दुनिया में भारत के इंटरप्रेन्योर ने देश ही नहीं दुनिया में अपनी काबिलियत का झंडा गाड़ा है। उन्हीं में से एक हैं रिकांत पिट्टी (Rikant Pitti)। उन्होंने जीरो फंडिग से शुरु करके 8000 करोड़ की कम्पनी खड़ी कर दी। जोहो के श्रीधर वेंबू और जेरोधा के नितिन कामत के बाद वह भारत के ऐसे तीसरे शख्स हैं। 

कौन हैं रिकांत पिट्टी?

ईज़मायट्रिप (EaseMyTrip) के कोफाउंडर रिकांत पिट्टी भारत की दूसरी सबसे बड़ी ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी के मालिक हैं। उनके पास करीबन 4.22 करोड़ रुपये की लैम्बॉर्गिनी गाड़ी है। अपने लिंक्डइन एकाउंट पर किए गए एक पोस्ट में उन्होंने दावा किया है कि यह भारत की ऐसी पहली गाड़ी है। हाल ही में उन्होंने 100 करोड़ की एक प्रॉपर्टी गुरुग्राम में खरीदी है। जिसकी जानकारी जनवरी 2024 में सामने आई। इस प्रॉपर्टी को लेकर भी वह चर्चा में रहें।

छोटे बिजनेस में बड़ी सक्सेस

जानकारी के अनुसार, उनकी कम्पनी ने साल 2023 में करीबन 140 करोड़ का मुनाफा कमाया है। कम्पनी ने साल 2021 में शेयर मार्केट से फंड प्राप्त किया। जब वह 16 साल के थे। तब अपने भाई के साथ एक छोटा बिजनेस शुरु किया था, जो समय के साथ EaseMyTrip के एक सक्सेसफुल बिजनेस में बदल गया। आपको बता दें कि देश के 120 यूनिकॉर्न में यह तीसरी ऐसी कम्पनी है, जिसने बिना किसी बाहरी निवेश के यह उप​लब्धि हासिल की है। इसके पहले Zerodha और Zoho को बिजनेस की दुनिया में यह उपलब्धि हासिल हुई थी।

एक आइडिया से कैसे शुरु हुई कम्पनी

दरअसल, रिकांत पिट्टी के पिता बिजनेसमैन थे। उन्हें अक्सर हवाई यात्रा करनी पड़ती थी। पढ़ाई कर रहे रिकांत ने जब यह देखा कि एक टिकट बुक करने के बदले 1500 रुपये अधिक चार्ज देने पड़ते हैं तो वह खुद ही अपने पिता के फ्लाइट्स के टिकट बुक करने लगे। धीरे-धीरे उन्होंने अपने परिचितों की हवाई यात्रा के लिए भी टिकट की बुकिंग शुरु कर दी। एक अकाउंट से काफी ज्यादा टिकट बुक होता देख एयरलाइंस ने भी रिकांत के सामने ट्रैवल एजेंट बनने का प्रस्ताव पेश किया। बस, वहीं उन्होंने ड्यूक ट्रैवल्स के नाम से एक ट्रैवल एजेंसी शुरु कर दी।

इस आइडिया ने बदल दी कारोबार की गणित

ट्रैवल एजेंसी का काम चल पड़ा। पर रिकांत को लगा कि उन्हें काम के बदले मिलने वाला कमीशन कम है। साल 2008 में उन्होंने अपने भाई के साथ दिल्ली के एक वन-बेडरूम अपार्टमेंट में कंपनी शुरू कर दी। शुरुआत में सिर्फ 15 लाख रुपये का निवेश किया। 2011 तक कंपनी से 11,000 एजेंट्स जुड़े। 364 करोड़ का बिजनेस हुआ। पर बिजनेस का मर्जिन सिर्फ 2 फीसदी था। यह मार्जिन कैसे बढ़े? इसके लिए उन्होंने सीधे कस्टमर तक पहुंच बनाई। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए आफर लाएं। साल 2015 तक कंपनी की सेल में बड़ा इजाफा हुआ। 1500 करोड़ तक सेल पहुंची। मुनाफा भी बढ़ा। मार्केट में समान बिजनेस करने वाली कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ें। 2021 में कंपनी का आईपीओ आया तो 159.33 गुना अधिक सब्सक्राइब हो सका।

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