UPSC Success Story: 8 बार फेलियर, शादी के बाद भी तैयारी की जिद...9वें प्रयास में ऐसे मिली सक्सेस

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Jun 29, 2024, 2:13 PM IST
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​तमिलनाडु के कोयंबटूर की रहने वाली प्रियदर्शिनी एस की सिविल ​सर्विस ज्वाइन करने की जिद थी। घर की इकलौती बेटी होने की वजह से उनके पास जरूरी संसाधन भी थे। ग्रेजुएशन के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।

नई दिल्ली। ​तमिलनाडु के कोयंबटूर की रहने वाली प्रियदर्शिनी एस की सिविल ​सर्विस ज्वाइन करने की जिद थी। घर की इकलौती बेटी होने की वजह से उनके पास जरूरी संसाधन भी थे। ग्रेजुएशन के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। सविल सर्विस और फॉरेस्ट सर्विस दोनों के एग्जाम दिएं। लगातार 8 बार फेलियर मिला। 9वें अटेम्पट में यूपीएससी के इंडियन फॉरेस्ट सर्विस एग्जाम में 82वीं रैंक हासिल की।

खुद से पढ़कर नोट्स बनाएं, एक साल तैयारी बाद अटेम्ट

यूपीएससी प्रिपरेशन के लिए प्रियदर्शिनी ने खुद से खुद से पढ़कर नोट्स बनाए। प्रीवियस ईयर के सवाल हल किए। करीबन एक साल तैयारी के बाद साल 2015 में यूपीएससी की सिविल सर्विस और फॉरेस्ट सर्विस दोनों एग्जाम दिए। दोनों परीक्षाओं का प्रीलिम्स क्लियर नहीं हो सका। पहली बार फेल होने के बाद वह फिर दोनों परीक्षाओं की तैयारी में जुट गईं। अगले साल यूपीएससी सिविल सर्विस के मेंस में अटक गईं। पर फॉरेस्ट सर्विस का प्रीलिम्स ही क्लियर नहीं हो पाया। लगातार दो साल फेलियर के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

2017 में यूपीएससी इंटरव्यू से हुईं वापस

यूपीएससी सिविल सर्विस 2017 एग्जाम में वह इंटरव्यू तक पहुंची थी। पर मेरिट लिस्ट में जगह नहीं बना सकी। उधर, फॉरेस्ट सर्विस में एक बार फिर असफलता मिली। प्रतियोगी परीक्षाओं में लगातार फेलियर के बाद परिवार ने साल 2018 में उनकी शादी एक असिस्टेंट डॉक्टर से करा दी। पर शादी के बाद भी वह सिविल सर्विस की तैयारी के लिए अड़ी रहीं। उन्होंने परिवार को अपना अपना मकसद स्पष्ट तौर पर बता दिया कि या तो वह आईएएस अफसर बनेंगी या फिर इंडियन फॉरेस्ट सर्विस ज्वाइन करेंगी। ससुराल वालों ने सपोर्ट किया और फिर उनकी यूपीएससी जर्नी शुरू हुई।

2022 तक लगातार फेलियर 

पर असफलताओं ने प्रियदर्शिनी का पीछा नहीं छोड़ा था। हर साल एग्जाम में वह फेल होती रहीं। साल 2022 तक लगातार फेलियर का सिलसिला जारी रहा। अब प्रियदर्शिनी ने स्ट्रेटजी बदली और साल 2023 में अपना फोकस इंडियन फॉरेस्ट सर्विस एग्जाम पर लगाया। यह उनका 9वां और अंतिम प्रयास था, क्योंकि इसके बाद वह यूपीएससी एग्जाम नहीं दे सकती थीं। बहरहाल, उन्होंने खुद को परीक्षा की तैयारी में झोंक दिया।

9वें प्रयास में 82वीं रैंक

9वें प्रयास में उन्हें सक्सेस मिली। इंडियन फॉरेस्ट सर्विस एग्जाम में 82वीं रैंक हासिल की। वह बताती है कि अंतिम प्रयास में सिर्फ 40 दिनों की प्रिपरेशन की थी। परिवार ने पूरा साथ दिया। ससुर ने भी तैयारी के लिए पूरा सपोर्ट किया, हिम्मत बढ़ाई। जब फेल होती थी तो लोगों से कहती कि एक दिन मेरा वक्त जरूर आएगा। उनकी कहानी यूपीएससी एस्पिरेंट्स के लिए प्रेरणादायक है। 

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