IIT Success Story: आईआईटी जेईई (IIT JEE) दुनिया का दूसरा सबसे कठिन एग्जाम है। फिर भी हर साल लाखो स्टूडेंट आईआईटी में दाखिले के लिए एग्जाम देते हैं। कुछ हजार स्टूडेंट ही सफल हो पाते हैं।
IIT Success Story: आईआईटी जेईई (IIT JEE) दुनिया का दूसरा सबसे कठिन एग्जाम है। फिर भी हर साल लाखो स्टूडेंट आईआईटी में दाखिले के लिए एग्जाम देते हैं। कुछ हजार स्टूडेंट ही सफल हो पाते हैं। कुछ स्टूडेंट तो आईआईटी जेईई एग्जाम क्लियर करने के लिए दो से तीन अटेम्पट तक लगा देते हैं। ऐसे स्टूडेंट के बीच बिहार के सत्यम कुमार सबसे अलग हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, वह महज 13 साल की उम्र में आईआईटी जेईई क्लियर करने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय है।
आईआईटी जेईई में 679वीं रैंक
बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले सत्यम कुमार के पिता किसान हैं। साल 2013 में जेईई मेंस क्लियर किया था। 670वीं रैंक हासिल हुई थी। हालांकि वह 2011 में ही जेईई एग्जाम में शामिल हुए थे। पर तब उनकी 8137वीं रैंक आई थी। उस रैंक से वह संतुष्ट नहीं थे। तब उनकी उम्र महज 12 साल थी। साल 2012 में उन्होंने दोबारा जेईई का एग्जाम दिया और आल इंडिया 679वीं रैंक मिली।
24 की उम्र में अमेरिका से पीएचडी
मीडिया से बातचीत में उन्होंने यह बात स्वीकारी भी थी कि वह अपने पहले एग्जाम के रैंक से संतुष्ट नहीं थे। इसलिए दोबारा एग्जाम दिया, क्योंकि उन्हें खुद पर पूरा भरोसा था।
सत्यम ने आईआईटी कानपुर में दाखिला लिया। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक-एमटेक की ड्यूल डिग्री ली। फिर पीएचडी करने का निर्णय लिया और अमेरिका चले गए। आपको जानकर हैरानी होगी कि महज 24 साल की उम्र में उन्होंने पीएचडी भी पूरी कर ली। ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस में विशेषज्ञता हासिल की है।
डेवलप करना चाहते हैं फेसबुक जैसा प्लेटफॉर्म
सत्यम ने बतौर रिसर्च असिस्टेंट भी काम किया। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, उन्होंने शुरूआत में इंटरडिजिटल इंक में रिसर्च इंटर्नशिप की। Apple में मशीन लर्निंग इंटर्न के रूप में भी कार्यरत रहें। उनका लक्ष्य फेसबुक जैसा एक प्लेटफॉर्म डेवलप करना है। बहरहाल, सत्यम ने अपनी प्रतिभा का दुनिया भर में लोहा मनवा दिया।