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JEE Main में हासिल की नंबर-1 रैंक, फिर IIT बॉम्बे का प्लेसमेंट छोड़ बने एंटरप्रेन्योर, खड़ी की करोड़ों की कंपनी

Rajkumar Upadhyaya |  
Published : Jun 03, 2024, 03:11 PM IST
JEE Main में हासिल की नंबर-1 रैंक, फिर IIT बॉम्बे का प्लेसमेंट छोड़ बने एंटरप्रेन्योर, खड़ी की करोड़ों की कंपनी

सार

Success Story: जेईई मेन (JEE Main) 2017 में 360 में से 360 स्कोर के साथ ऑल इंडिया नंबर-1 रैंक। आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग। प्लेसमेंट ड्राइव में शामिल नहीं हुए। ऑनलाइन एजुटेक कंपनी शुरू कर दी।

Success Story: जेईई मेन (JEE Main) 2017 में 360 में से 360 स्कोर के साथ ऑल इंडिया नंबर-1 रैंक। आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग। प्लेसमेंट ड्राइव में शामिल नहीं हुए। ऑनलाइन एजुटेक कंपनी शुरू कर दी। अब करोड़ों का कारोबार है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के रहने वाले कल्पित वीरवाल की। आईआईटी से बीटेक करने के बाद ज्यादातर युवाओं का ख्वाब अच्छे पैकेज पर प्लेसमेंट हासिल करना होता है। ऐसे में यह कल्पित का जुनून ही​ था कि उन्होंने स्टार्टअप के लिए प्लेसमेंट छोड़ दिया। आइए जानते हैं कल्पित वीरवाल की सफलता की कहानी। 

आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग

जेईई मेन 2017 में 360 में से 360 स्कोर हासिल करने के बाद उन्होंने आईआईटी बॉम्बे में कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग ब्रांच में दाखिला लिया। 2021 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। उसी दौरान जब प्लेसमेंट ड्राइव का समय आया तो वह उसमें शामिल नहीं हुए। इंजीनियरिंग में एडमिशन से पहले ही उन्होंने अपना लक्ष्य तय कर रखा था। आपको जानकर हैरारी होगी कि प्लेसमेंट शुरू होने से पहले ही उन्होंने ​अपने लिंक्डइन एकाउंट पर लिखा भी था कि वह प्लेसमेंट में शामिल नहीं होंगे। उनका यह कदम हैरान करने वाला था।

2019 में शुरू की AcadBoost Technologies

बहरहाल, कल्पित ने अपने एक सोशल मी​डिया पोस्ट में अपने जुनून के बारे में बताया है। वह लिखते हैं कि वह राष्ट्र निर्माण करना चाहते थे। लोगों को रोजगार देना चाहते थे। इसी मकसद से उन्होंने साल 2019 में एक ऑनलाइन एजुटेक कंपनी की शुरूआत कर दी। नाम रखा AcadBoost Technologies। अब उन्होंने लगभग 30 से ज्यादा लोगों को रोजगार का अवसर दिया है। 60 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स और टीचर्स को सशक्त बना रहे हैं।

ये चीजें जीवन में ले जाती हैं बहुत आगे

वैसे कल्पित वीरवाल ने सिर्फ जेईई मेन एग्जाम ही टॉप नहीं किया, बल्कि उनके नाम कई  उपलब्धियां दर्ज हैं। जूनियर साइंस ओलंपियाड में नंबर-1 रैंक हासिल की थी। वह कहते हैं कि उन्हें रातों-रात सफलता नहीं मिली, जो वह वर्षों से कर रहे थे। उसका एक दिन फल मिला। अगर आप अपने आसपास के लोगों को देखेंगे तो पाएंगे कि कोई सफल बिजनेसमैन हो या स्टूडेंट। वह वर्षों से अपनी प्रतिभा को निखारने में जुटा था। डेली छोटे-छोटे काम करना बहुत आगे तक ले जाता है। जैसे-जॉगिंग करना, पढ़ाई में सवाल हल करने की प्रैक्टिस, दिन भर ईमानदारी से काम करने बहुत आगे ले जाता है।  

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