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Success Story: वर्ल्ड फेमस कंपनी की जॉब छोड़ लौटे भारत, क्लिक कर गया Lenskart वाला वो IDEA

Rajkumar Upadhyaya |  
Published : Apr 16, 2024, 01:32 PM ISTUpdated : Apr 16, 2024, 02:35 PM IST
Success Story: वर्ल्ड फेमस कंपनी की जॉब छोड़ लौटे भारत, क्लिक कर गया Lenskart वाला वो IDEA

सार

Success Story: लेंसकार्ट के फाउंडर पीयूष बंसल की सक्सेस स्टोरी प्रेरणादायक है। लेंसकार्ट की शुरूआत साल 2010 में हुई। फाइनेंसियल ईयर 2023 में कम्पनी का कारोबार 3,780 करोड़ रुपये था।

Success Story: दुनिया की दिग्गज कम्पनी माइक्रोसाफ्ट की नौकरी छोड़ी। भारत लौटे और बिजनेस के कई आइडियाज पर काम किया। उनमें से एक आइडिया काम कर गया। वह लोगों को इतना पसंद आया कि अब घर-घर में पहचाना जाता है। कम्पनी का सैकड़ों करोड़ का टर्नओवर है। हम बात कर रहे हैं Lenskart के फाउंडर पियूष बंसल (Piyush Bansal) की। आमतौर पर पढ़ाई के बाद गूगल और माइक्रोसाफ्ट जैसी कम्पनियों में नौकरी करना युवाओं का सपना होता है। मोटी रकम वाली सैलरी छोड़कर अपना बिजनेस शुरू करने के लिए कदम आगे बढ़ाना आसान नहीं होता। पीयूष बंसल ने बिजनेस की दुनिया में कैसे परचम लहराया? आइए जानते हैं उनकी नौकरी से लेकर सफल बिजनेसमैन बनने की कहानी।  

पीयूष बंसल एजूकेशन?

नई दिल्ली के पीयूष बंसल ने डॉन बॉस्को स्कूल से पढ़ाई की। कनाडा के मॉन्ट्रियल में मैकगिल विश्वविद्यालय में स्टडी और आईआईएम-बैंगलोर से एमबीए की डिग्री ली। माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी करने अमेरिका गए। उसी दौरान उन्होंने खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला लिया और मोटी सैलरी वाली जॉब छोड़ दी। यह देखकर उनका परिवार और दोस्त हैरान थे। समझाने के बाद भी वह नहीं माने और बिजनेस करने के अपने फैसले पर अड़े रहें।

पहले क्लासिफाइड वेबसाइट फिर आईवियर 

बहरहाल, साल 2007 में वह भारत लौटें और एक क्लासिफाइड वेबसाइट शुरू कर दिया। नाम रखा ‘सर्च माइ कैंपस’। यह प्रोजेक्ट तीन साल तक चला। किताबों से लेकर पार्ट टाइम जॉब ढूंढ़ने में स्टूडेंट्स की मदद करते रहें। लोगों की जरूरतों को समझा। फिर चार अलग-अलग वेबसाइट्स शुरू की। लेंसकार्ट के नाम से आईवियर की वेबसाइट शुरू की। फिर युवाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए वॉचकार्ट, ज्वेल्सकार्ट और बैग्सकार्ट नाम से भी काम शुरू किया।

लेंसकार्ट में क्या सुविधा?

पीयूष बंसल को आईवियर सेगमेंट में रिस्पांस मिलना शुरू हुआ तो उन्होंने अपना पूरा ध्यान इसी तरफ लगा दिया। देश के अलग-अलग शहरों में आउटलेट्स खोलने की शुरूआत की। हर रेंज के चश्मे उपलब्ध कराने शुरू किए। आंखों की चेकअप की भी सुविधा देने लगे। इतना ही नहीं यदि कोई अपने लेंस की पॉवर बता दे तो उनकी होम डिलीवरी भी शुरू कर दी।

लेंसकार्ट की वैल्यूएशन?

पीयूष का यह कंसेप्ट इंवेस्टर्स को पसंद आया और लेंसकार्ट ने भारतीय बाजार में अपनी धाक जमा दी। साल 2019 में कम्पनी की वैल्यूशन 1.5 अरब डॉलर थी। मौजूदा समय में 4.5 बिलियन डॉलर वैल्यूशन है। दुनिया के कई दिग्ग्ज इंवेस्टर्स ने लेंसकार्ट में पैसा लगाया है। उनमें सॉफ्टबैंक, अबुधाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और क्रिस कैपिटल शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में लेंसकार्ट का कारोबार 3,780 करोड़ रुपये था।

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