NEET UG 2024: डेली 6 घंटे पढ़ाई, ये स्ट्रेटजी अपनाकर नीट यूजी टॉपर बन गए महाराष्ट्र के वेद सुशीलकुमार शेंडे 

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Jun 5, 2024, 3:50 PM IST

NEET UG 2024: महाराष्ट्र के वेद सुशील कुमार शेंडे ने NEET UG 2024 में पहली रैंक हासिल की है। यह मेडिकल की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा मानी जाती है। नागपुर के रहने वाले शेंडे को नीट यूजी में 99.99 पर्सेंटाइल अंक मिले हैं।

NEET UG 2024: महाराष्ट्र के वेद सुशील कुमार शेंडे ने NEET UG 2024 में पहली रैंक हासिल की है। यह मेडिकल की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा मानी जाती है। नागपुर के रहने वाले शेंडे को नीट यूजी में 99.99 पर्सेंटाइल अंक मिले हैं। 720 में से 720 अंक प्राप्त किए। उन्हें यह सफलता यूं ही नहीं मिली है, बल्कि इसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत और योजनाबद्ध तरीके से की गई पढ़ाई है। आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी।

डेली 6 घंटे पढ़ाई

रिपोर्ट के अनुसार, सामान्य वर्ग से आने वाले शेंडे डेली लगभग 6 घंटे पढ़ाई किया करते थे। ऐसा नहीं कि सिर्फ परीक्षा के समय ही वह घंटो पढ़ाई में जुटे रहते थे। यह उनकी रूटीन का ए​क हिस्सा था। उन्होंने नीट यूजी की तैयारी पर पूरा फोकस किया था। एनसीईआरटी की बुक्स का सहारा लिया। प्रैक्टिस सेट सॉल्व किए। 

पढ़ाई का जुनून ऐसा

परीक्षा की तैयारी को लेकर ऐसा जुनून था कि दोस्तों के बीच पढ़ने को लेकर कॉम्पिटीशन होता था कि कौन ज्यादा घंटे पढ़ाई कर लेता है। आलम यह था कि यदि वह 6 घंटे पढ़ाई करते थे तो उनके दोस्त अपना 10 से 12 घंटा पढ़ाई में लगाते थे। उसके परिणाम भी सुखद आए हैं। वेद सुनीलकुमार शेंडे के एक दोस्त ने भी 720 में से 720 अंक हासिल किए हैं।

सुबह उठकर सिलेबस का टेस्ट

वेद सुनीलकुमार शेंडे का रूटीन टेस्ट से शुरू होता था। वह सुबह 4 बजे उठने के बाद पहले सिलेबस का टेस्ट देते थे। खुद को आंकने के बाद 6 से 8 घंटे पढ़ाई करते थे। उसके बीच कोई ब्रेक नहीं लेते थे। जिस टॉपिक को शुरू करते थे। उसे पूरा करके ही अपनी पढ़ाई खत्म करते थे।

एम्स दिल्ली में एडमिशन की योजना

रिपोर्ट के अनुसार, शेंडे दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान एम्स में दाखिला लेंगे। एडमिशन के बाद वह तय करेंगे कि वह मेडिकल के किस सेक्टर में विशेषज्ञता हासिल करना है। आपको बता दें कि उनके पिता सुनील कुमार शेंड खुद एक डॉक्टर हैं। वह ईएनटी सर्जन हैं। बेटे की सफलता पर गदगद हैं। उनका मानना है कि निरंतर पढ़ाई के परिणाम के रूप में सक्सेज मिली है। 

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