1350 रु. की सैलरी पाने वाले शख्स ने कैसे खड़ी कर डाली अरबों की कंपनी, जबरदस्त है यह Success Story

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Nov 16, 2023, 10:44 PM IST
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Success Story: ज्यादातर लोग अपने जीवन में संसाधनों की वजह से जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते है। पर कुछ लोग विपरीत परिस्थितियों में भी बेहतर करने का माद्दा रखते हैं। ऐसे ही लोगों में अनिल गुप्ता भी गिने जाते हैं। मामूली सी सैलरी से नौकरी की शुरुआत करने वाला ये शख्स आज अरबो रुपये की कंम्पनी का मालिक है।

Success Story: ज्यादातर लोग अपने जीवन में संसाधनों की वजह से जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते है। पर कुछ लोग विपरीत परिस्थितियों में भी बेहतर करने का माद्दा रखते हैं। ऐसे ही लोगों में अनिल गुप्ता भी गिने जाते हैं। मामूली सी सैलरी से नौकरी की शुरुआत करने वाला ये शख्स आज अरबो रुपये की कंम्पनी का मालिक है। सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के 27 देशों में उनका कारोबार चल रहा है।

कौन हैं डॉक्टर अनिल गुप्ता?

अनिल गुप्ता ओकाया पॉवर ग्रुप और माइक्रोटेक कम्पनियों के फाउंडर हैं। वह टेक्नोलॉजिस्ट, निर्माता, निर्यातक, लेखक के साथ बिजनेस कोच भी हैं। कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी यानी सीएसआर का महत्व समझते हैं। उनका जन्म 20 नवम्बर 1962 को हुआ था। बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (BITS) पिलानी से इंजीनियरिंग की डिग्री ली और एक कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक्स टीचर के रूप में अपने कॅरियर की शुरुआत की, जो बाद में एक शानदार व्यावसायिक कॅरियर में तब्दील हो गया।

पहली बार देश में लाएं ऑप्टिकल फाइबर डिस्पले 

डॉ. अनिल गुप्ता ने अपने प्रोफेशनल कॅरियर की शुरुआत महज 1350 रुपये महीने की नौकरी से की थी। पर उनका मन खुद का काम करने में ही लगता था। साल 1980 में उन्होंने जॉब छोड़ दी। रोलिंग मिल्स और स्टील ट्रेडिंग बिजनेस से इंटरप्रेन्योरशिप की शुरुआत की। 1980 के दशक में पहली बार वह देश में ऑप्टिकल फाइबर डिस्पले लाएं। डॉ. अनिल गुप्ता ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

बिजली कटौती से मजबूर होकर बनाया इनवर्टर

डॉ. अनिल गुप्ता ने कंप्यूटर, उनके पार्ट्स और सीपीयू के निर्माण में हाथ आजमाया। उसी दौरान बार बार होने वाली बिजली कटौती ने अनिल को इनवर्टर बनाने के लिए प्रेरित किया और फिर माइक्रोटेक इनवर्टर (माइक्रोटेक इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड) अस्तित्व में आया। उस दौर में कम्पनियों के कस्टमर केयर की व्यवस्था ठीक नहीं थी। उसी बीच में डॉ. अनिल गुप्ता ने नये तरीके से व्यापार किया और अपना एक व्यावसायिक साम्राज्य खड़ा कर दिया। मार्केट में इनवर्टर को सफलता मिली तो फिर ओकाया बैटरीज के कारोबार में आगे बढ़ें। 

आईटी, रियल एस्टेट, सौर ऊर्जा सेक्टर में भी 

डॉ. अनिल गुप्ता की कम्पनी मदरबोर्ड, इनवर्टर, इलेक्ट्रिक स्कूटर के अलावा अन्य उद्यमों में भी रूचि रखती है। उन्‍होंने पॉवर बैकअप, कैप्टिव पावर सेगमेंट, आईटी, रियल एस्टेट, सौर ऊर्जा और लिथियम बैटरी के क्षेत्र में भी काम करने का उत्साह दिखाया। मौजूदा समय में उनकी कम्पनियों की वैल्यू एक बिलियन डॉलर है।

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