गोद में 6 महीने का बच्चा, गृहस्थी की जिम्मेदारी और साथ में यूपीएससी की तैयारी। हरियाणा के कुरुक्षेत्र की रहने वाली प्रगति रानी एक साथ दो मोर्चों पर परीक्षा दे रही थीं। पति का साथ मिला तो हिम्मत बढ़ी।
नई दिल्ली। गोद में 6 महीने का बच्चा, गृहस्थी की जिम्मेदारी और साथ में यूपीएससी की तैयारी। हरियाणा के कुरुक्षेत्र की रहने वाली प्रगति रानी एक साथ दो मोर्चों पर परीक्षा दे रही थीं। पति का साथ मिला तो हिम्मत बढ़ी। पहले प्रयास में प्रीलिम्स क्लियर नहीं हुआ। दूसरे प्रयास में 740वीं रैंक हासिल की और अब यूपीएससी 2023 में 355वीं रैंक मिली है। वह पिछड़े वर्ग से आती हैं। इसलिए उन्हें आईएएस कैडर मिलने की पूरी संभावना है।
पति के जज्बात बन गए सफलता के मंत्र
प्रगति रानी की यूपीएससी जर्नी पांच साल पहले शुरू हुई। डॉक्टर अतुल वर्मा से शादी हुई। उनका मन यूपीएससी की तैयारी करने का था। यह बात उन्होंने अपने पति से बताई तो उन्होंने प्रगति की हिम्मत बढ़ाते हुए कहा कि पूरी शिद्दत से तैयारी करो। बाद में कोई पछतावा न रहे कि यह काम नहीं कर पाए। डॉक्टर अतुल वर्मा के यही जज्बात प्रगति के लिए सक्सेस मंत्र बन गएं। 6 महीने का बेटा गोद में था। उसकी देखभाल के साथ सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी। यूपीएससी 2021 में कुछ नंबरों से प्रीलिम्स क्लियर नहीं हो सका।
दूसरे अटेम्पट में 740वीं और तीसरे में 353वीं रैंक
पहले प्रयास में असफलता ने उन्हें अंदर तक हिला दिया। खुद को संभाला और यूपीएससी 2022 में दूसरा अटेम्पट दिया तो 740वीं रैंक हासिल की। परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं था। प्रगति की मेहनत रंग लाई थी। पर वह इतने से संतुष्ट नहीं थीं। आईएएस बनने का लक्ष्य तय किया था तो एक बार फिर प्रयास किया। यूपीएससी 2023 के तीसरे अटेम्पट में 353वीं रैंक हासिल की।
तैयारी के साथ बेटे को संभालना था मुश्किल
यूपीएससी 2023 एग्जाम देने तक उनका बेटा 3 साल का हो चुका था। वह अपनी मॉं की पढ़ाई के बीच में आकर कहता कि मॉं मेरे साथ खेलो। प्रगति के जीवन का यह वह दौर था। जब उनके पति अतुल वर्मा एमडी की पढ़ाई के सिलसिले में बाहर थे। ऐसे हालात में भी उन्होंने खुद को संभाला और पूरी मेहनत के साथ परीक्षा की तैयारी में जुटी रहीं।
हरियाणा सिविल सर्विस क्रैक कर शुरू की थी जॉब
रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने घर पर रहकर की यूपीएससी की तैयारी की। पढ़ाई भी करनी थी और बच्चे को भी नजरअंदाज नहीं करना था। बच्चा जब दादी के साथ खेलता था। तब वह अपने नोट्स बनाने और सवालों को हल करने में वक्त देती थीं। बच्चे के सोने के बाद रात में 3-4 घंटे पढ़ती थीं। उन्होंने हरियाणा सिविल सर्विस एग्जाम भी क्लियर कर लिया था। 2023 मे अंबाला मंडल आयुक्त के ओएसडी के रूप में कार्य भी करने लगीं और साथ में यूपीएससी की तैयारी भी करती रहीं।