UPSC CSE 2023 Topper Rishabh Bhatt: यूपी के भदोही के नथईपुर गांव के रहने वाले ऋषभ भट्ट की शुरूआती पढ़ाई सेंट थॉमस स्कूल, गोपीगंज से हुई। कोटा में इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी की और मई 2020 में NIT भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग। फिर यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। साल 2021 और 2022 के दो अटेम्पट में असफल रहें। ऋषभ भट्ट ने यूपीएससी 2023 में 363वीं रैंक हासिल की है। माय नेशन हिंदी से बातचीत में उन्होंने अपनी यूपीएससी जर्नी शेयर की है।

श्रीमद्भगवतगीता से मिली प्रेरणा

लगातार फेलियर के बाद निराश होना स्वाभाविक है। ऋषभ भट्ट के साथ भी ऐसा हुआ। यूपीएससी के दो अटेम्पट में सफलता नहीं मिली तो अंदर से टूट गए। उस समय श्रीमद्भगवतगीता से उन्हें प्रेरणा मिली। वह कहते हैं कि नतीजों पर अपना कंट्रोल नहीं है। हम सिर्फ कर्म कर सकते हैं। बड़े भाई ने हौसला बढ़ाया। परिवार और दोस्तों ने सपोर्ट किया। उन स्थितियों से उबरने में मदद मिली। 

जॉब मिलेगी या नहीं? मन में उठ रहे थे ऐसे सवाल

ऋषभ भट्ट ने एनआईटी से बीटेक किया था। जॉब नहीं की, बल्कि 2020 से ही यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। दूसरी ओर उनके दोस्त जॉब से अच्छी कमाई कर रहे थे। यह देखकर उनके मन में सवाल उठता था कि मेहनत से पढ़ाई करने के बाद भी जॉब न मिले तो क्या होगा? क्योंकि वह अपने कॅरियर के 'क्रीम टाइम' में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे थे। वह कहते हैं कि ऐसी स्थि​ति में सकारात्मक सोच बनाए रखने की जरूरत है। मानसिक समस्या होती है। पर सब लोगों को उससे डील करना होता है।

मन में नहीं रखना चाहिए यह डर

ऋषभ के पिता विनोद भट्ट शांति शिक्षा सदन विद्यालय में प्रधानाध्यापक हैं। मॉं हाउस वाइफ हैं। हर सिचुएशन में साथ देने के लिए परिवार को सफलता का श्रेय देते हैं। एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार से निकलकर सक्सेस पाने वाले ऋषभ की कहानी दूसरों के लिए प्रेरणादायक है। वह कहते हैं कि आत्मविश्वास और हार्डवर्क का कॉकटेल बनेगा, तब अच्छा कर पाएंगे। मन में यह डर बनाकर नहीं रखना चाहिए कि दिल्ली जाकर कोचिंग नहीं किया या आईआईटी बैकग्राउंड से नहीं हूॅं तो मेरा नहीं हो पाएगा। आप कैसे थे? यूपीएससी यह आंकलन नहीं करेगा, बल्कि एग्जाम में आपका परफॉर्मेंस कैसा रहा, उसका आंकलन करेगा।

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