सिर्फ सातवीं कक्षा तक पढ़ी है, लेकिन कहलाती हैं "क्वीन आफ मिलेट्स"

By Kavish Aziz  |  First Published Jan 31, 2024, 11:46 PM IST

किसी भी काम को करने के लिए सिर्फ शिक्षा ही नहीं बल्कि लग्न की भी जरूरत होती है और इस बात को साबित किया उड़ीसा की रायमती घूरिया ने। रायमती घूरिया "क्वीन ऑफ़ मिलेट्स" के नाम से जानी जाती हैं जिन्होंने 30 तरह के मिलेट्स को संरक्षित किया है और साथ ही महिलाओं को ट्रेनिंग देती है

उड़ीसा की आदिवासी महिला रायमती घुरिया क्वीन ऑफ़ मिलेट्स के नाम से जानी जाती हैं । उन्होंने अब तक 30 तरह के दुर्लभ मिलेट्स को संरक्षित किया है। मिनट्स को दुनिया में सुपर फूड माना जाता है और ज्वार बाजरा को दो जैसे मिलेट्स हमेशा से पारंपरिक खाने का हिस्सा रहे हैं लेकिन आज की लाइफ में वेट लॉस के लिए लोग इस बेस्ट फूड मानते हैं। कौन है रायमती घूरिया जानते हैं डिटेल में। 

कौन हैं रायमती घूरिया 

रायमती घूरिया उड़ीसा के कोरापुट जिले की रहने वाली है। 16 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई और वह घर गृहस्ती में उलझ कर रह गई। उन्होंने सिर्फ सातवीं क्लास तक पढ़ाई की थी लेकिन मिलेट्स को संरक्षित करना और उगने का तरीका उन्हें बखूबी आता है जो उन्होंने खेतों में सीखा था। रायमती 70 वर्षीय कमला पुजारी जो कि पद्म श्री से सम्मानित रही है उनसे प्रेरित हैं। कमला पुजारी ने अपना पूरा जीवन धान के बीज की किस्म का संरक्षण करने के लिए समर्पित कर दिया था। मौजूदा वक्त में रायमति अपनी चार एकड़ जमीन पर मिलेट्स की खेती करती हैं।

ढाई हजार से ज्यादा किसानों को मिलेट्स की ट्रेनिंग

रायमती  चेन्नई स्थित एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन से जुड़ गई जो की एक एनजीओ है और इसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देना था। रायमती ने यहां मॉडर्न प्रिजर्वेशन का तरीका सिखा ढाई हजार से ज्यादा किसानों को मिलेट्स की ट्रेनिंग दिया।रायमती को g20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इनविटेशन दिया गया था यहां पर उनकी मुलाकात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हुई। और यहीं पर लोगों को जानने को मिला कि रायमती ने 72 किस्म की धान और 30 किस्म की मिलेट्स को प्रिजर्व किया। कम पढ़ी-लिखी होने के बावजूद मिलेट्स के बारे में इतना ज्ञान होने के कारण रायमति को क्वीन ऑफ़ मिलेट्स कहा जाता है

मिलेट्स के लिए गांव में  फॉर्म स्कूल भी बनवाया

मिलेट्स के काम को आगे बढ़ाने के लिए रायमती ने अपने गांव में एक फॉर्म स्कूल भी बनवाया है। रायमती महिलाओं को मिलेट के इस्तेमाल से पकोड़े लड्डू जैसी चीज बनाकर लोकल बाजारों में बेचने के लिए भी प्रेरित करती रहती हैं। अपने फॉर्म स्कूल से वह लोगों को मिलेट्स की खेती करने के अलग-अलग तरीके बताती हैं किस तरह से मिलेट्स को उगा सकते हैं कैसे उनकी गुणवत्ता में वृद्धि कर सकते हैं और किस प्रकार उनको संरक्षित करते हैं यह सब कुछ रायमती किसानों को बताती हैं।

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