कॉन्स्टेबल से डिप्टी कलेक्टर कैसे बने दीपक सिंह? ड्यूटी करते हुए क्रैक किया UPPCS

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Jan 25, 2024, 10:33 PM IST
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साल 2018 में यूपी पुलिस में सिपाही बनने के बाद बाराबंकी जिले के रहने वाले दीपक सिंह ने कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी शुरु कर दी। बिना कोचिंग के मोबाइल से पढ़कर UPPSC Exam क्रैक किया। 20वीं रैंक हासिल कर एसडीएम बने हैं।

बाराबंकी। मोबाइल से पढ़कर यूपी पुलिस के सिपाही दीपक सिंह डिप्टी कलेक्टर (SDM) बन गए हैं। यह सुनकर आप भी सरप्राइज हो रहे होंगे। आपके जेहन में भी यह सवाल उठ रहा होगा कि क्या मोबाइल के सहारे UPPSC Exam की तैयारी की जा सकती है? माय नेशन हिंदी से दीपक सिंह ने डिटेल में बात की है। आइए जानते हैं उनकी सिपाही से एसडीएम बनने तक की संघर्ष की कहानी।

कैसे शुरु हुआ कांस्‍टेबल से SDM बनने का सफर?

दीपक सिंह यूपी के बाराबंकी जिले के रामनगर स्थित सेमराय गांव के रहने वाले हैं। पिता अशोक कुमार किसान हैं। एक सामान्य परिवार की तरह मॉं कृष्णा सिंह घर की देखभाल करती हैं। दीपक की शुरुआती पढ़ाई बाराबंकी से ही हुई, साल 2014 में महारानी लक्ष्मी बाई मेमोरियल इंटर कॉलेज से 12वीं पास की। परिवार ने होनहार बेटे को आगे की पढ़ाई के लिए शहर भेजा। दीपक ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इतिहास और लोक प्रशासन विषय से ग्रेजुएशन किया।

पुलिस की नौकरी और पढ़ाई के बीच कैसे बनाया बैलेंस?

ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद अगले वर्ष यानी साल 2018 में दीपक का सेलेक्शन यूपी पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर हो गया। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद हरदोई जिले में तैनाती मिली। दीपक कहते हैं कि पुलिस लाइन में 8 घंटे की ड्यूटी होती थी। कभी-कभी किसी त्यौहार या विशेष आयोजन के मौके पर ड्यूटी का टाइम बढ़ जाता था। सामान्य ड्यूटी के मौके पर 5 से 6 घंटे पढ़ाई करते थे। जब ज्यादा समय तक ड्यूटी करनी पड़ती थी। तब 2 से 3 घंटे ही पढ़ पाता था। ऐसी स्थिति में छूटी हुई चीजों को वीकली टारगेट बनाकर पूरा करता था। वीकेंड वगैरह के मौके पर भी उन चीजों को पूरा करने की कोशिश करता था।

 

सोशल मीडिया से मिली मदद

दीपक सिंह कहते हैं कि सोशल मीडिया दोधारी तलवार है। इसके फायदे और नुकसान दोनो हैं। मुझे फायदा हुआ। उसकी वजह यह थी कि पुलिस विभाग में नौकरी के दरम्यान मैं आफलाइन टेस्ट सीरिज के लिए नहीं जा सकता था, क्योंकि मुझे छुट्टियां नहीं मिलती। ऐसे में यदि आप तैयारी के लिए आफलाइन नहीं जा सकते तो आपके पास क्या विकल्प है? मैंने जितनी भी पढ़ाई की, सब मोबाइल से की। यूट्यूब से फ्री लेक्चर मिल गए। पूरी तैयारी के दौरान कोचिंग क्लासेज गया ही नहीं। कुछ सीनियर अफसरों ने गाइड किया।

नोट्स बनाने में सरकारी वेबसाइट्स की ली मदद

दीपक सिंह ने साल 2020 से कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी शुरु कर दी थी। साल 2019 में पहला प्रयास किया था। तब पुलिस विभाग की ट्रेनिंग से आए थे। इस वजह से ठीक से तैयारी नहीं कर सके थे। साल 2022 के दूसरे प्रयास में भी असफल रहें। यूपीपीएससी 2023 में 20वीं रैक हासिल की। वह कहते हैं कि पहले सिलेबस को अच्छे से देखा। प्रीवियस ईयर के प्रश्न देखे। सिलेबस के प्वाइंट्स के नोट्स बनाएं। मल्टीपल टाइम रिवीजन किया। सरकार की पॉलिसी के सरकारी वेबसाइट्स से नोट्स बनाए। उससे रिवीजन करना आसान हो गया।

कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी में इन बातों का रखे ध्यान

-दीपक सिंह कहते हैं कि दिखावे के लिए तैयारी न करें। यदि आपका अर्न्तमन कह रहा है कि मुझे बड़ी परीक्षाओं की तैयारी करनी है। तब निश्चय कीजिए कि मुझे यह करना है।

-अपनी वीकनेस और स्ट्रेंथ देखिए। जिस परीक्षा की तैयारी करने वाले हैं, उसका सिलेबस अच्छे से देखिए।

-बड़ी परीक्षाओं में यह जानना जरुरी है कि मुझे क्या नहीं पढ़ना है। सिलेबस में जितने भी प्वाइंट्स हैं, उनके नोट्स आपके पास होने ही चाहिए।

-शॉर्ट्स नोट्स के मल्टीपल रिवीजन कीजिए, क्योंकि एक दिन में 6 घंटे लिखना होता है तो यदि आपने शॉर्ट्स नोट नहीं बनाए हैं तो एग्जाम में अच्छा परफॉर्म करना मुश्किल होगा।

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