उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC PCS Final Result 2023) एग्जाम में बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हेमंत मिश्रा ने 9वीं रैंक हासिल की है। UPPSC PCS 2022 में भी उन्होंने टॉप किया था, 8वीं रैंक मिली थी। यूपीएससी की असफलताओं से सबक लेते हुए उन्होंने कॉम्पिटिटिव एग्जाम प्रिपरेशन की स्ट्रेटजी बनाई।
बक्सर (बिहार)। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC PCS Final Result 2023) एग्जाम में बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हेमंत मिश्रा ने 9वीं रैंक हासिल की है। UPPSC PCS 2022 में भी उन्होंने टॉप किया था, 8वीं रैंक मिली थी। यूपीएससी की असफलताओं से सबक लेते हुए उन्होंने कॉम्पिटिटिव एग्जाम प्रिपरेशन की स्ट्रेटजी बनाई। माय नेशन हिंदी से हेमंत मिश्रा ने यूपीपीएससी जर्नी शेयर की है।
बिहार में उप निर्वाचन पदाधिकारी के पद पर भी चयन
हेमंत की शुरुआती शिक्षा बक्सर में ही हुई। 12वीं की पढ़ाई डीएवी पटना से की। जामिया मिल्लिया इस्लामिया से स्नातक करने के बाद जेएनयू से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। मौजूदा समय में जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पीएचडी कर रहे हैं। नेट एग्जाम में भी उन्हें चौथी रैंक हासिल हुई थी। एसोसिएट प्रोफेसर की नौकरी के लिए चयन हुआ था। पर उन्होंने वह जॉब जॉइन नहीं की। हालिया बीपीएससी के जारी रिजल्ट में उनका उप निर्वाचन पदाधिकारी के पद पर भी चयन हुआ है।
यूपीएससी में फेलियर के बाद कमियों को समझा
हेमंत ने कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी 2020 से ही शुरू कर दी थी। लगातार दो साल यूपीएससी एग्जाम दिया। पर उसमें असफलता मिली तो अपनी कमियों को समझा और फिर यूपी पीसीएस के एग्जाम में किस्मत आजमाई। इसमें भी लगातार साल 2022 और 2023 के एग्जाम में सफलता मिली।
जिस विषय में मन लगता है, वही पढ़िए
हेमंत कहते हैं कि सिविल सेवा की तैयारी में अच्छी बात यह रही कि जिस विषय में इंटरेस्ट था। कॉम्पिटिटिव एग्जाम में वही मेरे विषय थे। इसी वजह से असफलताओं के बाद भी हार नहीं मानी। एकेडमिक इंटरेस्ट था, इसलिए पीएचडी भी कर रहा था। मतलब यह है कि जिस विषय में मन लगता है। वही विषय मन से पढ़िए।
कुछ चीजें ऐसी करिए, जिसमें रूचि हो
हेमंत मिश्रा ने साल 2022 का यूपी पीसीएस रिजल्ट आने के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रखी। यूपीएससी में दो बार असफलता का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि कुछ ऐसी चीजें भी करिए। जिसमें आपका मन लगता हो। मेरा यूपीएससी में नहीं हुआ तो उसके साथ पीएचडी भी किया। एकेडमिक रूचि थी तो निराशा का भाव बना नहीं रहा।
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