Interview: NDA में सेलेक्शन से चूके तो कुछ बड़ा करने की ठानी, अब UPSC टॉपर, बताएं कामयाबी के सीक्रेट टिप्‍स

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Apr 23, 2024, 8:12 PM IST

UPSC CSE 2023 Topper Afzal Ali: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रहने वाले अफजल अली ने यूपीएससी क्रैक कर परिवार का नाम रोशन किया है। मॉं आंगनबाड़ी सेविका और पिता सरकारी स्कूल में टीचर हैं। आइए जानते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी।

UPSC CSE 2023 Topper Afzal Ali: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया प्रखंड के रहने वाले अफजल अली ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) एग्जाम में 574वीं रैंक हासिल की है। मॉं शाहनाज नूरी आंगनबाड़ी सेविका और पिता अमजद अली सरकारी स्कूल में टीचर हैं। यूपीएससी में यह उनका तीसरा प्रयास था। पहले प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंचे थे। दूसरे प्रयास में प्रीलिम्स क्लियर नहीं हो सका था। माय नेशन हिंदी से बात करते हुए उन्होंने अपनी जर्नी शेयर की है। आइए उसके बारे में जानते हैं।

सैनिक स्कूल से 10-12वीं तक पढ़ें

अफजल की शुरूआती शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से हुई। ​सैनिक स्कूल से 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की। बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से साल 2021 में भूगोल विषय से ग्रेजुएशन किया और फिर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। वह कहते हैं कि एनडीए में मेडिकली अनफिट होने की वजह से सेलेक्शन से चूक गया था। तभी कुछ बड़ा करने की ठानी थी। मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के विकल्प थे। पर मैंने अपनी ताकत और कमजोरियों का आंकलन करने के बाद भूगोल से स्नातक करने का फैसला लिया।   

 

पहले प्रयास में इंटरव्यू तक गए, बन गया मोटिवेशन

अफजल कहते हैं कि यूपीएससी का पहला और दूसरा अटेम्पट वाराणसी से ही दिया। पहले प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंचा। नतीजों में जगह नहीं मिल सकी। लगा कि कुछ थोड़ी सी गलती रह गई। यदि थोड़ा सा और प्रयास करूंगा तो यूपीएससी निकल जाएगा। यही मेरे लिए बड़ा मोटिवेशन था। दूसरे प्रयास में प्रीलिम्स ही क्लियर नहीं हो सका तो लगा यह बैड लक था। हालांकि दो प्रयास में यूपीएससी क्लियर नहीं हो सका तो यह मेरे लिए टफ टाइम था। तीसरे अटेम्पट में तैयारी के लिए दिल्ली स्थित जामिया कोचिंग गया था। पहले दो अटेम्पट में सेल्फ स्टडी के साथ जीएस और आप्शनल की आनलाइन कोचिंग की थी।

यूपीएससी में सफलता के टिप्स

यूपीएससी क्रैक करने के बाद अफजल से स्टूडेंट्स गाइडेंस के लिए सम्पर्क कर रहे हैं। वह कहते हैं कि एस्पिरेंट्स को मॉक टेस्ट देना चाहिए। यह टाइम मैनेजमेंट के लिए हेल्पफुल होता है। साथ ही एग्जाम एंग्जाइटी को भी डील करने में मदद करता है। उसकी भी एक लिमिट होनी चाहिए। एग्जाम के दो से तीन महीने पहले प्रीलिम्स का 25 से 30 और मेंस का 15 टेस्ट दे सकते हैं। पर बिना प्रिपरेशन के टेस्ट देने का कोई मतलब नहीं है। पहले सिलेबस पूरा करें, रिवाइज करें। उसके बाद टेस्ट देना ठीक रहेगा।

ये जान लेंगे तो तैयारी हो जाएगी आसान

वह कहते हैं कि एस्पिरेंट्स को सिलेबस और स्टैंडर्ड बुक देखना चाहिए। हर विषय को पढ़ने के बाद उसका टेस्ट दिया जाए और ​उसके शॉर्ट नोट्स बनाते जाएं ताकि रिवीजन में आसानी हो। प्रीवियस ईयर के सवाल देखने चाहिए। समझने की कोशिश करनी चाहिए कि ऐसे सवाल ही क्यों पूछे जाते हैं? उसका कोई न कोई संदर्भ (Context) होगा। जब हम इन चीजों पर ध्यान देंगे तो खुद ब खुद महत्वपूर्ण चीजों पर ज्यादा ध्यान देना शुरू करेंगे और कम महत्वपूर्ण चीजों पर कम ध्यान। इससे तैयारी आसानी हो जाएगी।

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