UPSC CSE Topper Surabhi Srivastava: यूपी के कानपुर देहात की दिव्यांगजन अधिकारी सुरभि श्रीवास्तव ने यूपीएससी में 56वीं रैंक हासिल की है। डीपीएस कल्याणपुर से 12वीं तक पढ़ाई और 2019 में एचबीटीयू, कानपुर से कम्प्यूटर साइंस से बीटेक किया। एक साल नौकरी की। सिविल सर्विसेज ज्वाइन करने की ख्वाहिश थी तो साल 2020 में जॉब छोड़ी और कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी। साथ में यूपी पीसीएस का भी एग्जाम देती रहीं। 2022 में UP PCS में सक्सेस मिली। UPSC के पहले अटेम्पट में प्रीलिम्स ही क्लियर नहीं हो सका। दूसरे अटेम्पट में इंटरव्यू तक पहुंची। अब यूपीएससी 2023 के तीसरे अटेम्पट में आईएएस बनी हैं। माय नेशन हिंदी से उन्होंने अपनी जर्नी शेयर की है।

फेलियर पर पैरेंट्स और टीचर ने किया मोटिवेट

सुरभि कहती हैं कि यूपीएससी जर्नी में काफी सारे उतार-चढ़ाव आएं। उस समय अपने पैरेंट्स से बात की। उनका सपोर्ट मिला। जैसे-पहले अटेम्पट में प्रीलिम्स क्लियर नहीं हुआ या दूसरे अटेम्पट में इंटरव्यू के बाद भी सेलेक्शन नहीं हुआ तो ऐसे समय में मम्मी-पापा ने मुझे अगला प्रयास करने के लिए मोटिवेट किया। टीचर ने भी मोटिवेट किया तो खुद का बैलेंस बनाकर उससे उबरी और दोबारा तैयारी शुरू कर दी।

UPSC की तैयारी कर रहे हैं तो 'प्लान-बी' जरूरी

सुरभि कहती हैं कि हार्ड वर्क का कोई विकल्प नहीं है। एस्पिरेंट्स को सिलेबस पर फोकस करना चाहिए। खुद के नोट्स बनाने चाहिए। प्रीवियर ईयर क्वैश्चन हैंडी होने चाहिए ताकि हम खुद की तैयारी का आंकलन कर सकें। यह लंबी जर्नी होती है। इसलिए धैर्य नहीं खोना चाहिए। प्लान-बी तैयार रखना चाहिए, क्योंकि यूपीएससी एग्जाम में काफी अच्छे एस्पिरेंट्स को भी कई बार सक्सेस नहीं मिलती है। 

 

यूपीएससी की तैयारी के समय किन बातों का रखें ध्यान?

वह कहती हैं कि अभ्यर्थियों को बेसिकली अपनी वीकनेस देखनी चाहिए। बार-बार प्रीलिम्स में फेलियर मिल रही है तो मॉक टेस्ट देना चाहिए। शुरूआत में टेस्ट में 40 से 50 मार्क्स आ रहे हैं तो उससे डरना नहीं चाहिए। मेंस एग्जाम के नजरिए से देखा जाए तो संभव है कि किसी टॉपिक या आप्श्नल सब्जेक्ट में हम कमजोर हों। उन जगहों पर ज्यादा जोर लगाना चाहिए। हर इंसान की अलग-अलग स्ट्रेंथ और वीकनेस होती है। इंटरव्यू में हमे पर्सनॉलिटी पर काम करना होता है। 

यूपीएससी इंटरव्यू की तैयारी कैसे करें?

सुरभि श्रीवास्तव के यूपीएससी 2022 इंटरव्यू में 160 मार्क्स थे। इस बार 173 अंक मिले हैं। उनका कहना है कि जिनके इंटरव्यू में अच्छे नंबर आए हैं। उनके मॉक इंटरव्यू में बोलने का पैटर्न देखिए। पर अपनी नेचुरल चीजों को नहीं खोना चाहिए, ओरिजिनॉलिटी बरकरार रखनी चाहिए। ईमानदारी से उत्तर देने की कोशिश करनी चाहिए, जो अभ्यर्थी इंटरव्यू तक पहुंच गया है। उसके पास बेसिक नॉलेज है, अब सवाल चाहे ईशू बेस्ड हों या फिर किसी भी तरह के। बस उसे कोशिश करनी होगी कि कंटेंट की डिलीवरी थोड़ी बेहतर हो जाए। कांफिडेंस के लिए मॉक इंटरव्यू दे सकते हैं। ओवरआल पर्सनॉलिटी धीरे—धीरे डेवलप होती है। उन चीजों पर पहले से काम करना चाहिए।

इंटरव्यू में पूछे गए ये सवाल

सुरभि से इंटरव्यू में आर्टिफियल इंटेलीजेंस पर दुनिया में बने कानूनों, वर्ल्ड में भारत के पीस कीपिंग के प्रयास, हॉबीज और ज्यूडिशियरी से रिलेटेड सवाल पूछे गए।

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का जिस तरह विकास हो रहा है, सही या गलत है?

-आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस अच्छी प्रोग्रेसिव टेक्नोलॉजी है। उसके जो भी डिसएडवांटेज है, उसे हम किस तरह रेगुलेट करते हैं, उस पर निर्भर करेगा। जिससे उस टेक्नोलॉजी से लोगों की हेल्प हो जाए। एक समान समय में उसके दुष्प्रभाव न हों। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से रिलेटेड यूरोपियन यूनियन के एक लॉ ड्राफ्ट के बारे में बताया कि कानून बनाने के लिए उससे प्रेरणा ली जा सकती है। 

दुनिया भर में 'पीस कीपिंग' में भारत का क्या रोल रहा है?

-'पीस कीपिंग' में भारत के योगदान के बारे में बताया कि कितनी फोर्स यहां से अलग—अलग देशों में गई। इससे जुड़ी चीजें डिटेल में बताईं।

परिवार और मेंटर को सफलता का श्रेय

कानपुर की रहने वाली सुरभि श्रीवास्तव के पिता जगदीश कुमार श्रीवास्तव औरैया में खंड विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। मॉं अचर्न श्रीवास्तव हाउस वाइफ हैं। अपनी सफलता का श्रेय मॉं—पिता, बहन और मेंटर को देती है। 

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