ये हैं एम कॉम पास किसान: 4 महीने खेती से करोड़ों कमाई, अपनी एग्रीकल्‍चर लैंड नही, बंदे ने लगाया गजब का दिमाग

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published May 3, 2024, 2:21 PM IST

एग्रीकल्चर लैंड नहीं, फिर भी खेती करने का शौक ऐसा था कि 4 महीने के लिए किसानों की जमीन लीज पर लेकर खेती शुरू कर दी। 10 एकड़ से शुरू कर अब 356 एकड़ में खरबूजे की खेती करते हैं। सीजन में करोड़ों की कमाई होती है।

शाहजहांपुर। यूपी के शाहजहांपुर के ‘मिनी पंजाब’ कहे जाने वाले पुवायां तहसील का एक प्रगतिशील किसान आज प्रदेश का सबसे बड़ा खरबूजा उत्पादक किसान बन गया है। वह भी खुद के नहीं, बल्कि लीज पर लिए गए खेतों में खेती कर यह उपलब्धि हासिल की है। हम बात कर रहे हैं गंगसरा के रहने वाले युवा किसान दीपक कुमार की। आइए जानते हैं प्रदेश के सबसे बड़े खरबूजा उत्पादक दीपक कुमार की सफलता की प्रेरणादायी कहानी।

10 एकड़ से शुरू कर 356 एकड़ में खेती

दीपक कुमार का पढ़ाई के समय से ही खेती करने का बड़ा मन था। पर उनके पास खेत नहीं थे। साल 2005 में जिले के शुकदेवानंद डिग्री कॉलेज से 'एम कॉम' की डिग्री ली। खेती शुरू करने के लिए किसानों से 4 महीने के लिए लीज पर जमीन ली और खरबूजे की खेती शुरू कर दी। पहले 10 एकड़ में खरबूजे की फसल लगाई। अब धीरे-धीरे 356 एकड़ खेत लीज पर लेकर खरबूजे की खेती कर रहे हैं। 20 वर्षों से खरबूजे की खेती करते हुए उन्होंने औरों को भी राह दिखाई। 

किसानों से 4 महीने के लिए लीज पर लेते हैं जमीन

दरअसल, आलू की पैदावार के बाद किसानों के खेत कुछ समय के लिए खाली हो जाते हैं। दीपक कुमार ने उसी का फायदा उठाया। किसानों से 25 से 30 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से एग्रीकल्चर लैंड लीज पर ली।​ किसान भी आलू से खाली हुए खेत को तैयार कर उन्हें सौंप देते हैं। फिर वह 4 महीने तक खेतों में तरबूजे और खरबूजे उगाते हैं।

थाईलैंड और ताईवान से मंगाते हैं बीज

वह अपने खेतों में तमाम वैरायटी के खरबूजों के बीज बोते हैं। अच्छी क्वालिटी के बीज विदेशों से आयात करते हैं। उनमें थाईलैंड और ताइवान प्रमुख देश हैं। उन बीजों से बढ़िया पैदावार होती है और खरबूजों का टेस्ट भी शानदार होता है। यही वजह है कि उनके खरबूजे की डिमांड बढ़ती गई। आपको जानकर हैरानी होगी कि दीपक खेतों में 30-95 हजार रुपये प्रति किलोग्राम तक के बीजों का यूज करते है।

यूपी, उत्तराखंड, बिहार के बाजारों में सप्लाई

उनके खरबूजों की पैदावार सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड और बिहार तक जाती है। सीजन में डेली लगभग 2500-3000 क्विंटल खरबूजे निकलते हैं। कई वर्षों से व्यापार करने की वजह से अब व्यापारी फोन से ही खरबूजों का आर्डर दे देते हैं। वैसे उनका खरबूजा यूपी की 40-50 मंडियों में सप्लाई होता है। 

एक सीजन में करते हैं करोड़ों की कमाई

आप भी सोच रहे होंगे कि खरबूजों के फसल से उनकी कितनी कमाई हो जाती होगी तो आपको बता दें कि प्रति एकड़ करीबन 150-200 क्विंटल खरबूजे होते हैं। 4 महीने के सीजन में ही उनकी कमाई 3 करोड़ रुपयों से ज्यादा हो जाती है। इसका फायदा स्थानीय लोगों को भी मिलता है। उनके काम से करीबन 400-500 लोग रोजगार पाते हैं।

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