यूपी के रायबरेली के रहने वाले शिवम सिंह ने यूपीएससी 2023 में 877वीं रैंक हासिल की है। अभी गोरखपुर की खजनी तहसील में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं। उनके पिता वर्षों से गुमटी में किताबें बेचते हैं।
UPSC CSE 2023 Topper: यूपी के रायबरेली के प्रगतिपुरम के रहने वाले शिवम सिंह ने यूपीएससी क्रैक कर इतिहास रचा है। वह बेहद साधारण परिवार से हैं। पिता रामनरेश सिंह जिले के विकास भवन के गेट के बाहर गुमटी में किताब की दुकान लगाते हैं। वह 20 वर्षों से किताबें बेच रहे हैं। शिवम सिंह ने यूपीएससी 2023 में 877वीं रैंक हासिल की है। यह उनका पहला प्रयास था।
2019 में यूपी पीसीएस क्रैक कर बने थे एसडीएम
शिवम सिंह साल 2019 में यूपी पीसीएस एग्जाम क्रैक कर एसडीएम बने थे। यूपी पीसीएस एग्जाम में 38वीं रैंक हासिल की थी। वर्तमान में गोरखपुर के खजनी तहसील में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं। गोरखपुर के चौरीचौरा में भी पोस्टिंग रही। काम के दौरान अपने वरिष्ठ अधिकारियों से प्रेरित होकर प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रिपरेशन जारी रखी। तैयारी के दौरान सीनियर अधिकारियों का सहयोग मिला। उनका मानना है कि कभी यह नहीं सोचना चाहिए कि उनसे यह काम होना संभव नहीं है। यदि आप मेहनत करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी।
बीटेक-एमटेक के बाद प्राइवेट कम्पनी की जॉब में रूचि नहीं
शिवम अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हुए कहते हैं कि संसाधन सीमित थे। पर पिता ने उनकी पढ़ाई शहर के सेंट पीटर्स स्कूल से कराई। 12वीं के बाद उन्होंने लखनऊ के एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक और फिर आईआईटी धनबाद से एमटेक की डिग्री ली। पढ़ाई के दौरान एक प्राइवेट कम्पनी में नौकरी का मौका भी मिला। पर उन्होंने प्राइवेट जॉब में रूचि नहीं दिखाई और सिविल सर्विसेज की तैयारी में लग गए।
आगे तैयारी जारी रखेंगे शिवम सिंह
शिवम आईएफएस अफसर बनना चाहते हैं। यूपीएससी रैंक के मुताबिक यह संभव भी है कि उन्हें आईएफएस कैडर मिल जाए। पर वह अपनी तैयारी आगे जारी रखेंगे। ताकि आने वाले समय में यूपीएससी में अपनी रैंक सुधार सकें। उनका कहना है कि युवाओं को लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ना चाहिए। मौजूदा समय में पढ़ाई के संसाधन की कमी नहीं है। इंटरनेट का सपोर्ट भी काफी काम आ सकता है।
इन बातों का ध्यान रखें एस्पिरेंट्स
शिवम कहते हैं कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान इंटरनेट का इस्तेमाल बहुत जरूरी है। पैरेंट्स को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके बच्चे का ध्यान किस तरफ है। एस्पिरेंट्स को कंटेंट को फिल्टर करना चाहिए। करेंट अफेयर्स से रिलेटेड बहुत सारे मटेरियल इंटरनेट पर ओवरलोडेड हैं। रॉ कंटेंट के साथ खुद के नोट्स बनाएं। इंटरनेट की भी हेल्प लें। नियमित अखबार पढ़ें। बेसिक टेक्स्ट पर ज्यादा ध्यान दें।