UPSC Success Story: किसान की बेटी ने अपना सपना पूरा करने के लिए मोटी सैलरी वाली जॉब छोड़ दी। तीसरे प्रयास में यूपीएससी में 99वीं रैंक हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया। आइए जानते हैं। अन्नपूर्णा सिंह की सक्सेस स्टोरी।
Success Story: बिहार के बांका जिले की लाहोरिया गांव निवासी अन्नपूर्णा सिंह किसान परिवार से आती हैं। उनकी कामयाबी का किस्सा थोड़ा अलग है। नामी गिरामी कम्पनी में लाखो रुपये सैलरी वाली जॉब कर रही थीं। कोरोना महामारी के दौरान यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। पहले अटेम्पट में असफल रहीं तो नौकरी को लात मार दी। यूपीएससी 2023 के तीसरे अटेम्पट में 99वीं रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया। उनके संघर्ष की कहानी लोगों की जुबान पर है।
जॉब करते हुए शुरू कर दी यूपीएससी प्रिपरेशन
अन्नपूर्णा सिंह ने बेंगलुरु के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकशेन इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री ली। मल्टीनेशनल कम्पनी इंटेल में नौकरी मिल गई। सेमीकंडक्टर इंजीनियर के तौर पर जॉब कर रहीं थी। उसी दरम्यान कोरोना महामारी का दौर शुरू हो गया। लोगों का जीवन प्रभावित हुआ। तभी उन्होंने यूपीएससी प्रिपरेशन का फैसला लिया और जॉब करते हुए तैयारी में जुट गईं। एक मल्टीनेशनल कम्पनी में नौकरी करते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना आसान नहीं होता है। एक तरफ एग्जाम का व्यापक सिलेबस और दूसरी ओर जॉब का प्रेशर। ऐसी स्थिति में भी वह अपना लक्ष्य हासिल करने की कोशिश में लगी रहीं।
तीसरे अटेम्पट में हासिल की 99वीं रैंक
पहले अटेम्पट में सफलता नहीं मिली तो उन्होंने जॉब छोड़ दी। कॅरियर में इतना बड़ा फैसला लेना आसान नहीं होता। अन्नपूर्णा सिंह ने जॉब छोड़कर बड़ा रिस्क लिया था। बहरहाल, नौकरी छोड़ने के बाद वह पटना गईं और अपनी तैयारी पर ध्यान दिया। दूसरे अटेम्पट में भी असफलता से उनका सामना हुआ। पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। यूपीएससी 2023 के तीसरे अटेम्पट में 99वीं रैंक मिली।
इंटरव्यू तैयारी को लेकर ये धारणा है मिथक
अन्नपूर्णा कहती हैं कि यूपीएससी तैयारी के शुरूआती दौर में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। ऐसा रचनात्मक विकल्प चुनना चाहिए, जो असफलता का मुकाबला कर सके। नाकामयाबी मिलती है तो अपने तौर तरीकों पर गौर करें। ऐसे तरीके अपनाएं जो सही हों। सामान्य अध्ययन की तैयारी में आनलाइन रिर्सोसेज काफी काम आएं। आमतौर पर कहा जाता है कि इंटरव्यू के लिए पढ़ाई करने की आवश्यकता नहीं होती है। अन्नपूर्णा का मानना है कि यह मिथक है। उन्होंने यूपीएससी मुख्य परीक्षा की अपेक्षा इंटरव्यू की तैयारी के लिए ज्यादा पढ़ाई की थी और साक्षात्कार में 212 अंक हासिल किए। जिससे उन्हें टॉप 100 में जगह बनाने का मौका मिला।