Success Story: NDA-CDS में ​फेलियर...UPSC ट्रॉय किया, 2nd अटेम्‍प्‍ट में असिस्टेंट कमांडेंट बने बोकारो के अतुल

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Jul 11, 2024, 6:49 PM IST

UPSC Success Story: झारखंड के बोकारो जिले के रहने वाले अतुल राज ने UPSC की केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सहायक कमांडेंट) परीक्षा में 72वीं रैंक हासिल की है। इससे पहले वह एनडीए और सीडीएस एग्जाम में असफल हो चुके थे।

UPSC Success Story: झारखंड के बोकारो जिले के रहने वाले अतुल राज ने UPSC की केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सहायक कमांडेंट) परीक्षा में 72वीं रैंक हासिल की है। इससे पहले वह एनडीए और सीडीएस एग्जाम में असफल हो चुके थे। पर वर्दी पहनकर देश की सेवा करने का सपना था। उसे पूरा करने के लिए यूपीएससी एग्जाम में शामिल हुए। पहले प्रयास में असफलता हाथ लगी। दूसरे प्रयास में यह उपलिब्ध हासिल की है। 

एनडीएस-सीडीएस में असफलता के बाद AC का एग्जाम

बोकारो के गोमिया प्रखंड स्थित ललपनिया निवासी अतुल राज बचपन से ही डिफेंस के क्षेत्र में जाना चाहते थे। छोटी सी उम्र में ही अधिकारी बनने का ख्वाब देखा था। सपना पूरा करने के लिए एनडीए और सीडीएस का एग्जाम भी दिया। पर दोनों परीक्षाओं में फेल हुए। एग्जाम के आखिरी चरण में ही असफल हो गए। पर हिम्मत नहीं हारी और पढ़ाई जारी रखी। उसी दरम्यान अतुल को यूपीएससी के बारे में पता चला तो सहायक कमांडेंट की परीक्षा में शामिल हुए।

यूपीएससी के दूसरे अटेम्पट में सक्सेस

UPSC की केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सहायक कमांडेंट) परीक्षा के पहले प्रयास में अतुल इंटरव्यू तक पहुंचे। पर मेरिट लिस्ट में अपनी जगह नहीं बना सके। दूसरी बार फिर प्रयास किया तो अब आल इंडिया 72वीं रैंक आई है। यह एग्जाम पास करने के लिए उन्होंने खूब मेहनत की। उनका कहना है कि यदि तैयारी के समय एनसीईआरटी और स्टैंडर्ड बुक्स प्लानिंग के साथ पढ़ ली जाएं तो यूपीएससी एग्जाम में काफी मदद मिलती है और नतीजों पर उसका असर दिखाई देता है। 

बोकारो से 12वीं, कोलकाता से ग्रेजुएशन

अतुल की शुरुआती बोकारो के ललपनिया से ही हुई। वहीं के डीएवी कॉलेज से साल 2016 में 10वीं का एग्जाम पास किया। डीपीएस बोकारो से साल 2018 में 12वीं पास की। फिर आगे की पढ़ाई के लिए कोलकाता चले गए और इंडियन मेरी टाइम यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री ली। उनके पिता राजीव कुमार सिन्हा इंजीनियर हैं, जो टीटीपीएस ललपनिया में सहायक कार्यपालक अभियंता के पद पर कार्यरत हैं। मां किरण सिन्हा हाउस वाइफ हैं। 

ये भी पढें-Success Story: ये कॉलेज ड्रापआउट कैसे बना मल्टीनेशनल कम्पनी का मालिक? कभी 8500 रुपये पर करते थे नौकर...

click me!