Success Story: गर्भावस्था, करियर और यूपीएससी की तैयारी के बीच संतुलन बनाते हुए पद्मिनी सेहरावत ने अपने दूसरे प्रयास में आईआरएस अधिकारी बनने की सफलता हासिल की। जानिए उनकी रणनीति और संघर्ष की कहानी।
IRS Padmini Sehrawat Success Story: यूपीएससी (UPSC) परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इस परीक्षा की तैयारी में अभ्यर्थियों को न केवल कठोर अध्ययन बल्कि मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाए रखना भी आवश्यक होता है। लेकिन जब कोई उम्मीदवार गर्भावस्था, नौकरी और पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ इस चुनौती को स्वीकार करता है, तो यह परीक्षा और भी कठिन हो जाती है।
दूसरे प्रयास में ही लहरा दिया सफलता का परचम
पद्मिनी सेहरावत (Padmini Sehrawat) की कहानी भी ऐसी ही है। ICICI बैंक में नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने वाली पद्मिनी ने न केवल परीक्षा पास की बल्कि दूसरे प्रयास में शानदार रैंक के साथ आईआरएस (IRS) अधिकारी बनीं। आइए जानते हैं कैसे उन्होंने गर्भावस्था के दौरान पढ़ाई, करियर और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन बनाते हुए सफलता हासिल की।
पद्मिनी सेहरावत ने अपने करियर की शुरुआत ICICI बैंक में की थी, लेकिन उन्हें जल्द ही एहसास हुआ कि यह उनके सपनों का करियर नहीं था। उन्होंने बताया "मुझे लगा कि यूपीएससी की तैयारी के लिए मुझे अधिक लचीलापन चाहिए। निजी क्षेत्र की नौकरी मुझे वह स्वतंत्रता नहीं दे रही थी। इसलिए मैंने फैसला किया कि मैं कुछ ऐसा करूंगी जो मुझे अपने लक्ष्य के करीब ले जाए," । इसके बाद उन्होंने पर्यटन मंत्रालय में नौकरी जॉइन की, जहाँ उन्हें सप्ताहांत की छुट्टी मिल सकती थी। इससे उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए समय निकालने में मदद मिली। "काम के बाद भी मैं पढ़ाई के लिए समय निकालती थी। मेरी शामें पूरी तरह पढ़ाई के लिए समर्पित थीं।"
यूपीएससी की तैयारी में डूबे किसी भी उम्मीदवार के लिए यह परीक्षा चुनौतीपूर्ण होती है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान इसकी तैयारी करना असाधारण प्रयास मांगता है। पद्मिनी सेहरावत ने इस चुनौती को एक रणनीतिक दृष्टिकोण से हल किया।
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UPSC क्रैकर पद्मिनी ने बताए अपने सफलता के तीन सूत्र
नतीजा? उन्होंने पढ़ाई और गर्भावस्था, दोनों को अच्छे से संभाला और सफलता प्राप्त की!
पद्मिनी ने अपनी तैयारी के दौरान कुछ अहम रणनीतियाँ अपनाईं, जो किसी भी यूपीएससी उम्मीदवार के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती हैं।
3.अपनी ताकत के अनुसार वैकल्पिक विषय बदला
4. स्टडी शेड्यूल को फ्लेक्सिबल रखा:
"मैंने अपने शेड्यूल को कठोर नहीं बनाया। मैं हालात के हिसाब से बदलाव करती रही, जिससे मेरी पढ़ाई बाधित नहीं हुई।"
"एक महिला के लिए पारिवारिक जिम्मेदारियों और करियर के बीच संतुलन बनाना बहुत मुश्किल होता है।"
1. संयम और निरंतरता बनाए रखें।
2. स्वास्थ्य और मानसिक शांति का ध्यान रखें।
3. स्टडी मटेरियल को सीमित रखें और बार-बार रिवीजन करें।
4. अपनी रणनीति को समय-समय पर अपडेट करें।
5. छोटे-छोटे ब्रेक लेकर पढ़ाई करें, खुद को जलाने से बचें।
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