ख़ामोश आंसू, अदृश्य संघर्ष: कैसे खुशहाली सोलंकी ने अपनी कमज़ोरी को बनाया ताकत? बनीं UPSC Cracker

UPSC 2023 में AIR-61 रैंक हासिल करने वाली खुशहाली सोलंकी की प्रेरणादायक कहानी। संघर्ष, असफलताओं और आत्म-संदेह से जीत तक का सफर जानें।

UPSC Cracker Khushali Solanki: UPSC सिविल सेवा परीक्षा दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। लेकिन हर साल कुछ उम्मीदवार न केवल इसे पास करते हैं बल्कि अपनी प्रेरणादायक यात्रा से हज़ारों लोगों के लिए प्रेरणा बन जाते हैं। खुशहाली सोलंकी उन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने UPSC CSE 2023 में ऑल इंडिया रैंक 61 (AIR-61) हासिल की। लेकिन उनकी यात्रा सिर्फ़ किताबों और मॉक टेस्ट तक सीमित नहीं थी। इसमें संघर्ष, आत्म-संदेह, असफलताएँ और गहरे भावनात्मक उतार-चढ़ाव भी शामिल थे। तो आइए जानते हैं उनकी पूरी कहानी।

बचपन से UPSC तक: खुशहाली का सफर
 खुशहाली सोलंकी का जन्म और पालन-पोषण राजस्थान के बीकानेर में हुआ। वह बचपन से ही पढ़ाई में मेधावी थीं। उन्होंने NIT सूरत से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया, लेकिन जल्द ही उन्हें महसूस हुआ कि उनकी असली रुचि सिविल सेवाओं के माध्यम से समाज की सेवा करने में है। UPSC को चुनने का फैसला उनके लिए सिर्फ़ प्रेस्टीज या शक्ति का विषय नहीं था, बल्कि समाज में एक सार्थक योगदान देने की इच्छा से प्रेरित था। लेकिन यह सफर बिल्कुल आसान नहीं था।

पहला प्रयास: वास्तविकता का सामना
खुशहाली के लिए यूपीएससी का पहला प्रयास एक बड़ा सीखने का अनुभव था। उन्होंने पूरे जोश के साथ तैयारी शुरू की लेकिन जल्द ही पाठ्यक्रम की विशालता और परीक्षा के अप्रत्याशित पैटर्न का एहसास हुआ। उन्होंने मेहनत तो की, लेकिन मेंस परीक्षा पास नहीं कर पाईं। यह एक बड़ा झटका था, लेकिन उन्होंने इसे सीखने का अवसर माना। "मैंने उत्तर लिखने और संशोधन की अहमियत को कम करके आँका," खुशहाली ने एक इंटरव्यू में कहा। "इस असफलता ने मुझे सिखाया कि सिर्फ़ ज्ञान ही नहीं, बल्कि मानसिक मजबूती भी ज़रूरी है।"

दूसरा प्रयास: अवसाद और आत्म-संदेह से जूझना
दूसरे प्रयास में खुशहाली साक्षात्कार चरण तक पहुँचीं, लेकिन अंतिम चयन से चूक गईं। यह अनुभव भावनात्मक रूप से बेहद कठिन था। उन्हें गहरा आत्म-संदेह हुआ – क्या वे इस परीक्षा के लिए बनी हैं?

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डिप्रेशन से जूझीं – हर असफलता उनके आत्मविश्वास को गिरा रही थी। इस कठिन समय में उनके सबसे बड़े सहायक थे – उनके दो पालतू जानवर (एक कुत्ता और एक बिल्ली)। "जब भी मैं हताश महसूस करती, मैं उनसे बात करती," उन्होंने साझा किया। "वे मुझे कभी जज नहीं करते थे, उनकी आँखों में मैं हमेशा योग्य और मजबूत थी।" उनके पालतू जानवर भावनात्मक सहारा बने, जिससे उन्होंने खुद को दोबारा खड़ा किया।

तीसरा प्रयास: रणनीतिक वापसी और सफलता
तीसरे प्रयास में उन्होंने अपनी पूरी रणनीति बदल डाली। इस बार उन्होंने इन 4 प्वाइंट पर फोकस किया।

  • 1. सटीक अध्ययन सामग्री चुनी – केवल ज़रूरी किताबों और ऑनलाइन संसाधनों पर फोकस किया।
  • 2. उत्तर लेखन में सुधार किया – अधिक मॉक टेस्ट और आंसर राइटिंग प्रैक्टिस की।
  • 3. संशोधन (Revision) पर ध्यान दिया – बार-बार पढ़ने की बजाय स्मार्ट रिवीजन अपनाया।
  • 4. मानसिक मजबूती विकसित की – ध्यान, जर्नलिंग और अपने पालतू जानवरों की मदद से खुद को मानसिक रूप से मजबूत किया। उन्होंने खुद से कहा – "अब मैं सिर्फ़ रिजल्ट पर नहीं, बल्कि प्रोसेस पर ध्यान दूंगी।" इस बदली हुई रणनीति ने उन्हें UPSC 2023 में ऑल इंडिया रैंक 61 दिला दी!

जीत का क्षण और आगे की राह
जब UPSC CSE 2023 के नतीजे घोषित हुए, तो खुशहाली अपनी आँखों पर विश्वास नहीं कर पाईं – AIR-61! उनका परिवार और दोस्त खुशी से झूम उठे, लेकिन उनके लिए सबसे बड़ा पल तब आया, जब वे अपने पालतू जानवरों के पास बैठीं और फुसफुसाईं – "हमने कर दिखाया।" अब खुशहाली को पश्चिम बंगाल कैडर मिला है और वे प्रशिक्षण ले रही हैं।

UPSC उम्मीदवारों के लिए खुशहाली सोलंकी का संदेश
यूपीएससी की इस यात्रा से उन्होंने 3 सबसे ज़रूरी बातें सीखीं:

  • 1. असफलता आपको परिभाषित नहीं करती – यह सिखाती है।
  • 2. मानसिक ताकत शारीरिक मेहनत जितनी ही ज़रूरी है।
  • 3. अपने सपोर्ट सिस्टम पर भरोसा करें – चाहे वह परिवार हो, दोस्त हों या आपके पालतू जानवर।

खुशहाली सोलंकी की सफलता का मूल मंत्र  "UPSC की राह कठिन है, लेकिन अगर आप डटे रहें, तो सफलता अवश्य मिलेगी," रहा है। 

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