उधार के 5000 रुपये से शुरूआत, कैसे बने 42,000 करोड़ के बिजनेस टायकून?

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Oct 31, 2024, 1:03 PM IST

जानिए कैसे हितेश चमनलाल दोशी साधारण परिवार से आकर बने मार्केट लीडर। 5000 रुपये उधार लेकर छोटे बिजनेस की शुरूआत की और 42,000 करोड़ रुपये की कंपनी, वारी एनर्जीज़ लिमिटेड, खड़ी कर दी। 

Success Story: महज 5000 रुपये उधार लेकर शुरूआत की और आज 42,000 करोड़ रुपये की एक बड़ी कंपनी खड़ी कर दी। हम बात कर रहे हैं वारी एनर्जीज़ लिमिटेड के फाउंडर हितेश चमनलाल दोशी की। कभी देश के एनर्जी सेक्टर में छोटी सी शुरूआत की थी। अब वारी ग्रुप रिन्यूबल एनर्जी सेक्टर में मार्केट लीडर माना जाता है। हालिया, वारी एनर्जीज़ लिमिटेड की बंपर सफल लिस्टिंग हुई। जिसके बाद 57 साल के हितेश दोशी दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। 

सामान्य परिवार में जन्मे, शुरूआती शिक्षा भी साधारण 

हितेश दोशी का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था और शुरूआती शिक्षा भी साधारण रही। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिससे उनकी जिम्मेदारियां जल्दी ही बढ़ गईं। इसी वजह से वह बिजनेस की तरफ अट्रैक्ट हुए, लेकिन उनके पास पूंजी नहीं थी और न ही किसी तरह की हेल्प। पढ़ाई के दौरान एक रिश्तेदार से 5000 रुपये का कर्ज लिया था और इस छोटी-सी धनराशि से अपने सपने को साकार करने में जुट गए।

5000 रुपये से कैसे बिजनेस की शुरूआत?

बात साल 1985 की है। हितेश दोशी ने 5000 रुपये का कर्ज लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर के सामान का छोटा-सा बिजनेस शुरू किया। यह रकम उन्होंने अपने डेली रूटीन के खर्चों को पूरा करने के लिए ली थी, लेकिन उन्होंने इसका यूज बिजनेस शुरू करने के लिए किया। कॉलेज की पढ़ाई पूरी हुई तो 1,50,000 रुपये का और लोन लिया और एक छोटी हार्डवेयर फैक्ट्री की नींव रखी। उनका बिजनेस धीरे-धीरे बढ़ने लगा और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 2000 में इलेक्ट्रिक सामानों का बिजनेस शुरू किया, जैसे वाटर पंप और हीटर आदि।

सौर ऊर्जा में कदम रखने की यहां से मिली प्रेरणा

हितेश का जीवन तब बदला, जब 2007 में वह जर्मनी में एक एग्जीबिशन में शामिल हुए। वहीं उन्हें सोलर एनर्जी सेक्टर में काम करने का आइडिया आया। वह ऐसा समय था, जब उन्होंने बिजनेस के काफी गुर सीखे थे और उनके पास एक मजबूत नेटवर्क भी बन चुका था। ऐसी स्थिति में उन्‍होंने अपना पुराना कारोबार बेचने का रिस्क लिया और सोलर सेल बनाना शुरू कर दिया। यहीं से 'वारी एनर्जीज़' की नींव रखी गई। उन्होंने अपनी कंपनी का नाम वारी गांव के मंदिर से इंस्पायर होकर रखा।

अब भारत की सबसे बड़ी सोलर मॉड्यूल निर्माता कंपनी

वारी एनर्जीज़ तेज़ी से बढ़ी और जल्द भारत की सबसे बड़ी सोलर मॉड्यूल निर्माता कंपनी बन गई। यह कंपनी आज भारत में सौर ऊर्जा क्षेत्र में मार्केट लीडर मानी जाती है। उन्होंने क्वालिटी और सस्ते दामों के बल पर न केवल भारत में बल्कि अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में भी अपने प्रोडक्ट एक्सपोर्ट करने शुरू कर दिए। मौजूदा समय में वारी एनर्जीज़ की ज्यादातर कमाई अमेरिका को निर्यात किए गए सोलर प्रोडक्ट्स से मिलती है। आज उनकी कंपनी 42,000 करोड़ रुपये की हो गई है। उनकी कहानी हर उस व्यक्ति को प्रेरणा देती है, जो अपने जीवन में कुछ बड़ा हासिल करना चाहते हैं।

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