आजादी के वक्त जिस देश में खाने के लिए त्राहिमाम था वो अंतरिक्ष की बुलंदियों को छू रहा है। ये सफल इतना आसान नहीं था लेकिन हिंदुस्तानियों ने हार नहीं मानी और हमेशा इस बात का लोहा मनवाया हम भारतीय किसी से कम नहीं। जिस देश के वैज्ञानिकों ने साइकिल और बैलगाड़ियों पर रॉकेट ढोया आज उसके चंद्रयान-3 पर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। इस ऐतिहासिक मौके पर जानते, कैसा रहा भारत स्पेस सफर ?
नेशनल डेस्क। कभी भारत को गुलामी की जंजीरों में जकड़ने वाले, भारतीयों का उपहास उड़ाने वाले, हमेशा हिंदुस्तानियों को नीचा देखाने वाले आज उम्मीद की नजरों से भारत की ओर देख रहे हैं। 1947 में आजाद हुआ भारत विश्वपटल पर विकास और गति की नई इबारत लिख रहा है। आजादी के वक्त जिस देश में खाने के लिए त्राहिमाम था वो अंतरिक्ष की बुलंदियों को छू रहा है। ये सफल इतना आसान नहीं था लेकिन हिंदुस्तानियों ने हार नहीं मानी और हमेशा इस बात का लोहा मनवाया हम भारतीय किसी से कम नहीं। बुलंद हौसलों में जिस देश के वैज्ञानिकों ने साइकिल और बैलगाड़ियों पर रॉकेट ढोया आज उसके चंद्रयान-3 पर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। इस ऐतिहासिक मौके पर जानते, कैसा रहा भारत स्पेस सफर ?
ISRO की स्थापना ने जगाई उम्मीद
भारत धीरे-धीरे संभलने की कोशिश कर रहा था कि इसी बीच 1962 में भारत ने स्पेस का सफर तय करने का मन बना लिया और देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भारतीय राष्ट्रीय अंतिरक्ष अनुसंधान समिति यानी (INOSPAR) की स्थापना ती। विक्रम साराभाई के नेतृत्व में अतंरिक्ष का सफर तय करने और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ने के सपने को लेकर 5 अगस्त 1969 में इसका नाम बदलकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) कर दिया गया। जिसे आज दुनिया टॉप 6 स्पेस एंजेंसियों में गिना जाता है।
भारत की प्रमुख उपलब्धियों की लिस्ट
1) 18 जुलाई 1980 में ISRO ने एसलवी- (SLV-3) का सफल परीक्षण किया। जिसके साथ भारत उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया जो अपने सेटेलाइट्स खुद लॉन्च करते है। इसके जरिए ISRO ने रोहिणी सैटेलाइट को (RS-1) को पृथ्वी के ऑर्बिट में स्थापित किया था।
2) 1983 में इसरो ने दूर संचार, दूरदर्शन टेलीकॉस्ट और मौसम पूर्वानुमान के लिए इनसैट-1 बी को प्रक्षेपित किया था।
3) 1994 भारत के लिए काफी खास रहा। इस साल पोलर सैटेलाइट व्हीकरल (PSLV) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। PSLV की मदद से अब तक 50 से ज्यादा सफल मिशन लॉन्च किए जा चुके हैं।
4) 22 अक्टूबर 2008 को भारत ने स्पेस में बहुयामी कदम बढ़ाया और ISRO ने चंद्रयान-1 को काफी उम्मीदों के साथ लॉन्च किया। जिसका वजन 1380 किलोग्राम था।
5) 2014 में इसरो ने किफायती बजट में 450 करोड़ की लागत से मिशन मंगलयान को अपने पहले ही प्रयास में मंगल की धरती पर उतारकर नया कीर्तिमान रच दिया और ऐसा करने वाला चौथा देश बन गया।
6) 22 जुलाई 2019 को भारत ने अपना दूसरा मून मिशन चंद्रयान-3 लॉन्ट किया हालांकि इसे भारत को निराशा हाथ लेकिन इसे उपलब्धि के तौर पर देखा गया और भारत ने हार न मानते हुए तीसरे मून मिशन पर काम करना शुरू किया।
7) 14 जुलाई 2023 को भारत ने चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया है। जिसपर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हैं। ISRO की कोशिश है कि स्पेसक्राफ्ट की लेंडिंग सक्सेसफुल हो। अर चंद्रयान-3 चांद के साउथ पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल रहता है तो ऐसा करने वाला भारत पहला देश बन जाएगा जो इसरों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
ISRO Chandrayaan 3 Landing LIVE Update: Chandrayaan-3 लैंडिंग की ओर, लंदन से अमेरिका तक दुआओं का दौर