ट्रेन में सफर कर रहे एक यात्री को इसलिए तकरीबन 1 घंटे तक टॉयलेट में बंद रखा गया क्योंकि उसे बार-बार खांसी आ रही थी। बाद में किसी यात्री ने इसकी सूचना रेलवे प्रशासन को दी। जिसके बाद ट्रेन को अगले स्टेशन पर रोक कर यात्री को टॉयलेट से बाहर निकाला गया
कानपुर(Uttar Pradesh). कोरोना वायरस का खौफ लोगों में किस कदर फैल गया है इसका एक उदाहरण बुधवार को कानपुर में देखने को मिला। यहां ट्रेन में सफर कर रहे एक यात्री को इसलिए तकरीबन 1 घंटे तक टॉयलेट में बंद रखा गया क्योंकि उसे बार-बार खांसी आ रही थी। बाद में किसी यात्री ने इसकी सूचना रेलवे प्रशासन को दी। जिसके बाद आनन-फानन में ट्रेन को अगले स्टेशन पर रोक कर यात्री को टॉयलेट से बाहर निकाला गया। स्टेशन पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसकी थर्मल स्कैनिंग की तो उसमे कोरोना का संक्रमण नहीं पाया गया। जिसके बाद यात्री दूसरी ट्रेन से रवाना हुआ।
बता दें कि गया बिहार के रहने वाले मो. रियाज अंसारी दुबई में रहते हैं। वह दुबई से स्वदेश लौटे थे। एयरपोर्ट पर उनकी थर्मल स्कैनिंग हुई जिसमें वह सामान्य निकले। इसके बाद रियाज महाबोधि एक्सप्रेस से अपने घर गया के लिए रवाना हुआ । लगातार सफर से उनकी आंखें लाल हो गईं। ट्रेन जब दिल्ली से चली तो रास्ते में उन्हें खांसी आ गई। वह अपने सहयात्रियों को पहले ही बता चुके थे कि वह दुबई से आ रहे हैं। रियाज को खांसी आने के बाद उनके सहयात्री दहशत में आ गए। दुबई में फैले संक्रमण और रियाज के दुबई से आने के कारण उन्होंने रियाज को भी कोरोना संक्रमित समझा। जिसके बाद यात्रियों ने संक्रमण फैलने से बचाने के लिए रियाज को टॉयलेट में बंद कर दिया। इसकी सूचना रेलवे प्रशासन को दी गई। जिसके बाद ट्रेन को कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर रोका गया। वहां सुरक्षा बलों ने यात्री को टॉयलेट से बाहर निकाला। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रियाज की जांच की तो उनके अंदर कोरोना का वायरस नहीं पाया गया।
दूसरी ट्रेन से रवाना हुआ यात्री
रेलवे के चिकित्सक डॉ. ऋषि दीक्षित ने बताया कि यात्री की थर्मल स्कैनिंग की गई उसका स्वास्थ्य पूरी तरह सामान्य है उसके अंदर कोरोना का कोई संक्रमण नहीं पाया गया। डॉ. दीक्षित ने बताया कि एक घंटे की जांच के दौरान उसे एक बार भी खांसी नहीं आई। यात्री की जांच के दौरान ट्रेन चली गई। यात्री बाद में टिकट बनवाकर दूसरी ट्रेन से घर गया। डॉ. दीक्षित का कहना है कि यात्री का टिकट कानपुर तक का ही था। घर जाने के लिए उसने यहां से टिकट बनवाया।