हाल ही में इस अभियान का नया रुप सामने आया है। इस अभियान के साथ-साथ तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में 2014 में बनी स्नैक्स कंपनी भी लोकप्रिय होती जा रही है।
मी टू अभियान कई दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके द्वारा कई पुरुषों के नाम सामने आए हैं, जिन्होंने अपने पद और शक्ति का उपयोग करके महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया है। यह उत्पीड़न विभिन्न क्षेत्रों में किए गए हैं। इस अभियान के द्वारा महिलाओं को अपने साथ हुए अत्याचार के खिलाफ बोलने की शक्ति और व्यापक समर्थन मिल रहा है। इस अभियान को सोशल मीडिया पर सराहा जा रहा है और यह वायरल भी हो रहा है।
अभियान से हुआ कंपनी को फायदा
हाल ही में इस अभियान का नया रुप सामने आया है। इस अभियान के साथ-साथ तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में 2014 में बनी स्नैक्स कंपनी भी लोकप्रिय होती जा रही है। कंपनी के उत्पादों की मांग निरंतर बढ़ रही है। मीटू अभियान के शुरु होने के बाद कंपनी के ऑनलाइन उत्पादों की मांग में 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। कंपनी के मालिक का कहना है कि हम #मीटू अभियान का जिक्र उत्पादों को बेंचने में नहीं कर रहे हैं, लेकिन इस अभियान से हमारे उत्पादों को भी फायदा हुआ है।
अभियान से कंपनी को फायदा होने का मुख्य कारण कंपनी का नाम है, जो “मी टू” है और यह अभियान के हैशटैग से मिलता है। इस पर कंपनी के निदेशकों में से एक मोहिदीन रिजवी ने कहा कि मैं इस बारे में निश्चित नहीं हूं कि हमें अपने उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए मी टू अभियान का उपयोग करना चाहिए या नहीं, क्योंकि यह अभियान कुछ दिनों बाद खत्म भी हो सकता है, लेकिन हमें खुशी है कि हमारे उत्पादों को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है और इस अभियान के कारण वह लोकप्रिय भी हो रहे हैं।