असल में सरकार बनाने का पूरा दारोमदार एनसीपी पर ही रहा। शिवसेना का ज्यादा झुकाव एनसीपी की तरफ ही है। लेकिन इतना तय है कि कांग्रेस के समर्थम के बगैर सरकार बनना मुश्किल था। हालांकि विधायकों की संख्या के मुताबिक गठबंधन सरकार में सबसे ज्यादा विधायक शिवसेना के पास ही हैं। शिवसेना के पास 56 विधायक हैं। लेकिन उसके पास सीएम का पद है।
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में तीन दलों की सरकार बन गई है। शिवसेना को सीएम का पद मिला और कांग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष का। लेकिन इस दोनों दलों से ज्यादा फायदा एनसीपी को मिला है। क्योंकि एनसीपी को डिप्टी सीएम के साथ ही 15 विभाग मिलने की उम्मीद की जा रही है। इस आधार पर एनसीपी को सबसे ज्यादा फायदा होना चाहिए। यही नहीं एनसीपी के दबाव में ही कांग्रेस को डिप्टी सीएम का पद नहीं मिल सका।
असल में सरकार बनाने का पूरा दारोमदार एनसीपी पर ही रहा। शिवसेना का ज्यादा झुकाव एनसीपी की तरफ ही है। लेकिन इतना तय है कि कांग्रेस के समर्थम के बगैर सरकार बनना मुश्किल था। हालांकि विधायकों की संख्या के मुताबिक गठबंधन सरकार में सबसे ज्यादा विधायक शिवसेना के पास ही हैं। शिवसेना के पास 56 विधायक हैं। लेकिन उसके पास सीएम का पद है। वहीं एनसीपी के पास 54 विधायक और कांग्रेस के पास 54 और 44 विधायक हैं।
लेकिन माना जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार में सबसे ज्यादा विभाग एनसीपी को मिलने वाले हैं। वहीं कांग्रेस को सबसे कम विभाग मिलेंगे। राज्य में डिप्टी सीएम पद के अलावा 43 सदस्यों की कैबिनेट होगी और इमसें एनसीपी 16 मंत्री बन सकते हैं। हालांकि कांग्रेस को स्पीकर का पद मिल गया है। कांग्रेस के विधायक विधायक नाना पटोले को स्पीकर चुना गया है। वहीं एनसीपी के खाते में गृह विभाग की जिम्मेदारी आने की उम्मीद की जा रही है। इसके साथ ही शरद पवार के करीबी छगन भुजबल के अलावा जयंत पाटिल ने उद्धव ठाकरे के साथ शपथ ली है।
लिहाजा उम्मीद है कि इन दोनों को अहम विभाग मिलेंगे। हालांकि अभी तक अजीत पवार को लेकर एनसीपी ने कोई खुलासा नहीं किया है। फिलहाल कांग्रेस को 12 मंत्रालय मिल सकते हैं। कांग्रेस विधायक बाला साहेब थोराट, अशोक चह्वाण, एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई ने उद्धव ठाकरे के साथ शपथ ली थी। जिसके बाद इन चारों को अहम विभाग मिलने तय हैं। उद्धव सरकार में 30 कैबिनेट मंत्री होंगे जबकि 12 राज्यमंत्री बनाए जाएंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना को शहरी विकास, हाउसिंग, सिंचाई और महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन और एनसीपी गृह, वित्त, योजना, बिजली और वन मंत्रालय मिल सकता है। जबकि कांग्रेस को राजस्व, पीडीडब्लूडी और एक्साइज मंत्रालय मिल सकता है। जबकि कुछ विभागों को लेकर सहमति नहीं बनी है।