आज उत्तर प्रदेश के राजनैतिक इतिहास में एक और नया अध्याय जुड़ेगा। कभी एक दूसरे की कट्टर दुश्मन माने जाने वाले एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बीसएपी सुप्रीमों एक साथ आज चुनावी मंच पर दिखेंगे। कभी एक दूसरे का चेहरा भी न देखने वाली परस्पर विरोधी मायावती आज मैनपुरी में मुलायम सिंह के लिए वोट मांगेगी।
आज उत्तर प्रदेश के राजनैतिक इतिहास में एक और नया अध्याय जुड़ेगा। कभी एक दूसरे की कट्टर दुश्मन माने जाने वाले एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बीसएपी सुप्रीमों एक साथ आज चुनावी मंच पर दिखेंगे। कभी एक दूसरे का चेहरा भी न देखने वाली परस्पर विरोधी मायावती आज मैनपुरी में मुलायम सिंह के लिए वोट मांगेगी। इस मंच पर इन दोनों नेताओं के साथ ही एसपी प्रमुख अखिलेश यादव और आरएलडी प्रमुख अजित भी दिखेंगे। लेकिन जनता और मीडिया की नजर इन दोनों नेताओं पर रहेगी।
यूपी में एसपी और बीएसपी गठबंधन बनने के बाद इसे यूपी के राजनैतिक इतिहास में सबसे बड़ी घटना माना जा रहा था और इन दोनों दलों के बीच एक बार फिर आज इतिहास लिखा जाएगा। जहां एसपी संस्थापक मुलायम सिंह यादव और बीएसबी प्रमुख मायावती करीब 24 साल बाद एक साथ मंच दिखाई देंगे। मायावती यहां से मुलायम के लिए मैनपुरी की जनता से वोट मांगेंगी।
मुलायम सिंह यादव ने पांचवी बार यहां से नामांकन किया है। यहां से एसपी ने तेज प्रताप यादव का टिकट काटकर मुलायम सिंह को टिकट दिया है। इस बार मुलायम महज एसपी के प्रत्याशी नहीं बल्कि वह बीएसपी के भी संयुक्त प्रत्याशी हैं। फिलहाल आज मैनपुरी में होने वाली रैली पर जनता के साथ ही मीडिया की नजर भी लगी हुई है। मैनपुरी मुलायम सिंह यादव का गढ़ माना जाता है। मुलायम सिंह मैनपुरी से 1996 से लेकर 2014 तक चार बार जीत चुके हैं। दो बार 2004 और 2014 में उन्होंने यहां से जीतने के बाद इस्तीफा दिया।
मगर सीट परिवार में ही रही। यूपी की राजनीति में ढाई दशक पहले बीएसपी संस्थापक कांशीराम ने अपने मिशन 85 बनाम 15 फीसद की लड़ाई को सफल बनाने के लिए दलित, पिछड़े और मुस्लिमों की एकजुटता के मद्देनजर एसपी के साथ गठजोड़ किया था। तब 1993 में लखनऊ मे बेगम हजरत महल पार्क में कांशीराम और मायावती के साथ मुलायम मंच पर आये थे।