असल में आज एनडीए की बैठक बुलाई गई थी। जिससे शिवसेना ने दूरी बनाकर रखी थी। लेकिन इन बैठक में एनडीए के सहयोगी लोजपा ने सभी दलों को सम्मान देने के लिए समन्वय समिति के गठन की मांग की। चिराग पासवान ने कहा कि आज की बैठक में शिवसेना नहीं थी। जिसके कारण उन्हें अच्छा नहीं लगा। उन्होंने कहा कि अब एनडीए में समन्वय समिति की जरूरत है।
नई दिल्ली। एनडीए से बाहर निकल रहे दलों ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी है। सहयोगी दल अब एनडीए में समन्वय समिति की मांग कर रही हैं। आज एनडीए के सहयोगी लोजपा ने समिति की मांग करते भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
असल में आज एनडीए की बैठक बुलाई गई थी। जिससे शिवसेना ने दूरी बनाकर रखी थी। लेकिन इन बैठक में एनडीए के सहयोगी लोजपा ने सभी दलों को सम्मान देने के लिए समन्वय समिति के गठन की मांग की। चिराग पासवान ने कहा कि आज की बैठक में शिवसेना नहीं थी। जिसके कारण उन्हें अच्छा नहीं लगा। उन्होंने कहा कि अब एनडीए में समन्वय समिति की जरूरत है। क्योंकि इसका गठन कर सहयोगी दलों की नाराजगी कम हो सकेगी। गौरतलब है कि शिवसेना ने भाजपा के साथ अपने गठबंधन तोड़ दिया है।
महाराष्ट्र में अब शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश कर रही है। जबकि झारखंड में भी एनडीए के सहयोगी राज्य में अलग अलग चुनाव लड़ रहे हैं। जिसके कारण भाजपा की दिक्कतें बढ़ी हुई हैं। पासवान ने कहा कि एनडीए में बेहतर तालमेल के लिए संयोजक की नियुक्ति होनी चाहिए। पासवान ने कहा कि हाल में कई दलों ने एनडीए का साथ छोड़ दिया है। लिहाजा बचे हुए दलों को आपस मे तालमेल होना चाहिए। क्योंकि इसके जरिए राजग को मजबूत किया जा सके।
पासवान ने कहा कि टीडीपी, आरएलएसपी और अब शिवसेना ने एनडीए का साथ छोड दिया है। लिहाजा अब समन्वयक की सबसे ज्यादा जरूरत है। हालांकि जनता दल यूनाइटेड भी काफी पहले इसकी मांग करती आई है। लेकिन अभी तक एनडीए ने समन्वयक नहीं बनाया है। हालांकि पहले चंद्रबाबू नायडू एनडीए के संयोजक हुआ करते थे। लेकिन उनके एनडीए को छोड़ने के बाद इस पद पर किसी की नियुक्ति नहीं हुई।