मध्य प्रदेश में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की चर्चा जोरों पर, सोनिया कर सकती हैं फैसला

By Team MyNation  |  First Published Nov 17, 2019, 5:41 PM IST

काफी दिन पहले राज्य में प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर जबरदस्त बवाल हुआ था। इस पद को लेकर सिंधिया गुट और कमलनाथ गुट आपस में भिड़ गए थे। ये मामला दिल्ली तक पहुंचा था। गुटबाजी को लेकर सोनिया गांधी खासी नाराज चल रही थी। जिसके बाद उन्होंने कमलनाथ और सिंधिया को दिल्ली तलब किया था। इसमें हालांकि सोनिया ने कमलनाथ से मुलाकात की। 

भोपाल। कांग्रेस की अंतरिम  अध्यक्ष सोनिया गांधी मध्य प्रदेश में चल रहे प्रदेश अध्यक्ष के विवाद का पटाक्षेप जल्द ही कर सकती हैं। राज्य में अभी प्रदेश अध्यक्ष की कमान कमलनाथ के हाथ है। लेकिन एक अरसे से ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट महाराज को प्रदेश अध्यक्ष के पद पर नियुक्त करने की मांग कर रहा है।

काफी दिन पहले राज्य में प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर जबरदस्त बवाल हुआ था। इस पद को लेकर सिंधिया गुट और कमलनाथ गुट आपस में भिड़ गए थे। ये मामला दिल्ली तक पहुंचा था। गुटबाजी को लेकर सोनिया गांधी खासी नाराज चल रही थी। जिसके बाद उन्होंने कमलनाथ और सिंधिया को दिल्ली तलब किया था। इसमें हालांकि सोनिया ने कमलनाथ से मुलाकात की। लेकिन वह सिंधिया से नहीं मिले। फिलहाल राज्य में दिग्विजय सिंह गुट अध्यक्ष को लेकर सिंधिया के खिलाफ है।

जबकि वह कमलनाथ गुट के लिए समर्थन नहीं कर रहा है। असल कमलनाथ दिल्ली प्रवास पर हैं। माना जा रहा है कि वह सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। लिहाजा प्रदेश अध्यक्ष के पद को लेकर भी सोनिया गांधी से चर्चा होगी। हालांकि प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने राज्य का दौरा कर प्रदेश अध्यक्ष के लिए अपनी रिपोर्ट हाई कमान को सौंप दी। लेकिन अभी तक सोनिया गांधी ने इस पर पत्ते नहीं खोले हैं।

प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सबसे ऊपर है। वहीं, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव और कांतिलाल भूरिया इसके अलावा वर्तमान सरकार के मंत्री उमंग सिंगार, बाला बच्चन, कमलेश्वर पटेल, सज्जन वर्मा सहित कई नाम चर्चा में हैं। हालांकि कमलनाथ की ये कोशिश है कि आलाकमान उन्हें राज्य में संगठन की कमान सौंपे। क्यों कमलनाथ ने राज्य में अभी तक चली आ रही गुटबाजी को खत्म किया है। जबकि कमलनाथ के राज्य में प्रदेश अध्यक्ष का पद ग्रहण करने के वक्त राज्य में गुटबाजी चरम पर थी और कई गुट बने हुए थे।
 

click me!