एमपी में पहले विधानसभा सत्र के बाद होगा शिवराज का भविष्य तय, दिल्ली या भोपाल

By Team MyNation  |  First Published Jan 6, 2019, 2:44 PM IST

मध्य प्रदेश में भाजपा विपक्ष के नेता को लेकर दुविधा में है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कह चुके हैं कि वह किसी भी पद के लिए दौड़ में नहीं है. ऐसे में किस नेता को विपक्ष का नेता नियुक्त किया जाए. इसको लेकर पार्टी दुविधा में है.

मध्य प्रदेश में भाजपा विपक्ष के नेता को लेकर दुविधा में है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कह चुके हैं कि वह किसी भी पद के लिए दौड़ में नहीं है. ऐसे में किस नेता को विपक्ष का नेता नियुक्त किया जाए. इसको लेकर पार्टी दुविधा में है. भाजपा और संघ किसी ऐसे नेता की तलाश में हैं जो राज्य सरकार को विपक्ष में जबदस्त तरीके से घेर सके. ऐसा माना जा रहा है कि पहले सत्र के बाद शिवराज सिंह दिल्ली जाएंगे या फिर राज्य की राजनीति में ही सक्रिय रहें, इसका फैसला किया जाएगा.

दो दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने यह कहकर सबको चौंका दिया था कि विधानसभा में विपक्ष के नेता पद की दौड़ में वह शामिल नहीं हैं. पार्टी जिसे जिम्मेदारी देनी चाहिए उसे देगी. लेकिन भाजपा नेतृत्व यह तय नही कर पा रहा है कि यह जिम्मेदारी किसे दी जाए. अभी तक जो हालात हैं उनसे ऐसा लग रहा है कि अब विधानसभा सभा सत्र शुरू होने के बाद ही इस बारे में कोई फैसला हो पाएगा.आज भोपाल में भाजपा विधायकों की बैठक होनी है और इसमें केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और प्रदेश प्रभारी उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे को हिस्सा लेना है. लेकिन राज्य भाजपा नेताओं का कहना है कि अभी तक ऐसी कोई बैठक तय नही है. अभी इस बारे में कोई फैसला नही हुआ है कि बैठक कब होगी. हालांकि दूसरी तरफ भाजपा नेता ये भी कह रहे हैं कि नेता प्रतिपक्ष का नाम सोमवार को ही तय होगा. गौरतलब है कि राज्य की नई सरकार का पहला विधानसभा का सत्र शुरू सोमवार से शुरू होना है.

हालांकि पार्टी नेताओं का मानना है कि पार्टी की परंपरा के मुताबिक वरिष्ठ विधायक को यह पद दिया जाना चाहिए. इस हिसाब से पूर्व मंत्री और रहली विधानसभा क्षेत्र से चुने गए गोपाल भार्गव का नाम सबसे ऊपर है. भार्गव वरिष्ठतम विधायक तो हैं ही साथ ही आक्रामक भी माने जाते हैं. जबकि इस दौड़ में भार्गव के बाद राजेन्द्र शुक्ला का नाम चर्चा में है. जबकि हाल ही में उत्तर प्रदेश के उपप्रभारी बनाए गए नरोत्तम मिश्रा की भी दावेदारी नकारी नहीं जा सकती है. मिश्रा को अमित शाह का करीबी बताया जाता है और वह कई बार विधायक भी रह चुके हैं और आक्रामक माना जाते हैं. हालांकि यूपी का उप प्रभारी बनाए जाने के बाद उनकी दावेदारी कम मानी जा रही है. क्योंकि पार्टी का पूरा ध्यान लोकसभा चुनाव पर है. वहीं पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ ही ओबीसी नेता कमल पटेल और अनुसूचित वर्ग के वरिष्ठ विधायक जगदीश देवड़ा के नाम भी चल रहे हैं.

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