असल में संसद में पारित होने के बाद गरीब सवर्णों को नौकरी में दस फीसदी आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो गया है. संविधान संशोधन पर राष्ट्रपति की मुहर के बाद यूपी ने इसकी संभावनाओं पर काम शुरू कर दिया है.
सरकारी नौकरियों व शिक्षण संस्थानों में आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर 10% आरक्षण की राह यूपी में भी जल्द ही खुलेगी. राज्य की योगी सरकार इसके जल्द ही आदेश जारी करने जा रही है. सबसे पहले भाजपा शासित राज्य गुजरात में मकर संक्राति से इसे लागू कर दिया गया है.
जबकि अन्य किसी भी राज्य ने इसे लागू नहीं किया है. लिहाजा प्रदेश की योगी सरकार इसके लिए जल्द आदेश जारी कर सवर्णों के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण का दरवाजा खोलेगी. असल में संसद में पारित होने के बाद गरीब सवर्णों को नौकरी में दस फीसदी आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो गया है. संविधान संशोधन पर राष्ट्रपति की मुहर के बाद यूपी ने इसकी संभावनाओं पर काम शुरू कर दिया है.
जल्द ही कैबिनेट की बैठक में योगी सरकार इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक तौर पर सहमति दे देगी. नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में इसे अमली जामा तभी पहनाया जा सकेगा जब इसका कानून बनेगा. केंद्र सरकार ने इस व्यवस्था को लागू करने के लिए राज्य सरकार को मानक तय करने का अधिकार दिया है. भाजपा शासित गुजरात सरकार ने सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा में सामान्य श्रेणी के आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण सोमवार को लागू किया.
लिहाजा इसको लेकर अन्य राज्यों पर भी दबाव है. खासतौर से भाजपा शासित राज्यों मे इस जल्द लागू करने के लिए केन्द्र का दबाव है. हालांकि लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस शासित राज्य भी इसे लागू करना चाहते हैं. क्योंकि तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में सवर्णों ने कांग्रेस को वोट दिया था. गुजरात इस नए प्रावधान को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.