लोकसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस को जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा है। राज्य की 28 सीटों में से कांग्रेस महज एक सीट बचाने में कामयाब हो पायी है। कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ही छिंदवाड़ा से लोकसभा का चुनाव जीत पाए हैं। लिहाजा अब राज्य में उनके खिलाफ निर्दलीय विधायक के साथ ही मंत्री भी बगावती तेवर अपनाने लगे हैं।
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ बगावत शुरू हो गयी है। कमलनाथ सरकार की कैबिनेट मंत्री इमरती देवी ने कहा कि राज्य में हार के बाद अब राज्य की कमान महाराज यानी ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंप देनी चाहिए। एक दिन पहले ही एक निर्दलीय विधायक ने भी कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोला था। राज्य में चुनाव में कांग्रेस ने महज एक सीट पर जीत हासिल की है।
लोकसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस को जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा है। राज्य की 28 सीटों में से कांग्रेस महज एक सीट बचाने में कामयाब हो पायी है। कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ही छिंदवाड़ा से लोकसभा का चुनाव जीत पाए हैं। लिहाजा अब राज्य में उनके खिलाफ निर्दलीय विधायक के साथ ही मंत्री भी बगावती तेवर अपनाने लगे हैं।
राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने सीधे तौर पर राज्य की कमान अब महाराज को देने की बात कही है। जाहिर है कैबिनेट मंत्री के बयान के बाद कमलनाथ की मुश्किलें तो बढ़ ही जाएंगी। इमरती देवी को ज्योतिरादित्य सिधिंया खेमे का माना जाता है। इमरती देवी तब चर्चा में आयी जब वह शपथ ग्रहण समारोह में अपना भाषण नहीं पढ़ पायी थी।
ग्वालियर में कमलनाथ के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए इमरती देवी ने कहा कि 'अब समय आ गया है कि प्रदेश की कमान 'महाराज' (ज्योतिरादित्य सिंधिया) को सौंप दी जानी चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि इस मामले में वह पार्टी हाई कमान के सामने अपना पक्ष रखेंगी। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में सिंधिया को भी हार का सामना करना पड़ा है और वहीं उनकी पत्नी भी चुनाव हार गयी हैं। वहीं एक दिन पहले दिग्विजय सिंह ने भी कहा था कि उन्हें अगर रायगढ़ से टिकट मिलता तो वह चुनाव जीत जाते। कमलनाथ मुख्यमंत्री के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।