तीन चरणों के चुनाव के बाद ‘मोदी मैजिक’ की काट खोज पाएगी कांग्रेस?

By Harish Tiwari  |  First Published Apr 27, 2019, 5:30 PM IST

कांग्रेस को लगता है कि तीन चरण गुजर जाने के बाद अभी चार चरण और बचे हैं, जिसमें वह ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। कांग्रेस बीजेपी की खामियों और नाकामियों को और ज्यादा आक्रामक तरीके से जनता के बीच ले जाना चाहती है। पांचवें, छठे और अंतिम सातवें चरण में पंजाब, हरियाणा के साथ ही राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल और यूपी में मतदान होगा। पांचवें चरण से सातवें चरण के बीच देश की कुल 169 सीटों पर चुनाव होने हैं और इसमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है। जहां टीएमसी बीजेपी को घेरे हुए है। 

लोकसभा चुनाव में चल रहे मोदी मैजिक की काट खोजने के लिए कांग्रेस तीन चरणों के बाद अब नई रणनीति बना रही है। कांग्रेस नई रणनीति की तहत मुख्य विपक्षी दल बीजेपी को घेरने की तैयारी में है। हालांकि बीजेपी के हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण को रोकने के लिए राहुल और प्रियंका मंदिरों के दर्शन कर मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं। रणनीति के तहत कांग्रेस राज्यों में चुनाव लड़ रहे अपने सहयोगियों से भी इसके लिए मदद लेने में गुरेज नहीं करेगी।

तीन चरणों में जिस तरह से वोटिंग हुई है, उसको देखते हुए कांग्रेस अब नई रणनीति बनाने पर जुटी है। कांग्रेस को लगता है कि तीन चरण गुजर जाने के बाद अभी चार चरण और बचे हैं, जिसमें वह ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। कांग्रेस बीजेपी की खामियों और नाकामियों को और ज्यादा आक्रामक तरीके से जनता के बीच ले जाना चाहती है। पांचवें, छठे और अंतिम सातवें चरण में पंजाब, हरियाणा के साथ ही राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल और यूपी में मतदान होगा।

पांचवें चरण से सातवें चरण के बीच देश की कुल 169 सीटों पर चुनाव होने हैं और इसमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है। जहां टीएमसी बीजेपी को घेरे हुए है। हालांकि कांग्रेस को पश्चिम बंगाल से ज्यादा उम्मीद नहीं है। फिर भी वह इस बात से खुश है कि वहां पर ममता बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। कांग्रेस अपनी नई रणनीति के तहत सहयोगी दलों से भी मदद लेनी की योजना बना रही है। कांग्रेस के रणनीतिकारों को लगता है कि बीजेपी ने इस चुनाव को फिर मोदी बनाम विपक्ष बना दिया है।

लिहाजा इसका तोड़ निकालना जरूरी है। कांग्रेस के नेता ये भी मानते हैं कि ‘चौकीदार चोर’ के कांग्रेस के अभियान को सुप्रीम कोर्ट से झटका मिलने के बाद मोदी और बीजेपी को घेरने के लिए उसके पास कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। हालांकि कांग्रेस को लगता है कि पार्टी का 72 हजार रुपये के वादे ने जनता को कांग्रेस की तरफ से आकर्षित किया है।

यही नहीं कांग्रेस बीजेपी के हिंदुत्व की काट भी नहीं निकाल पा रही है। हालांकि पार्टी के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मंदिरों के दर्शन करने में गुरेज नहीं कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी योगी आदित्यनाथ और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के जरिए वोटों के ध्रुवीकरण करने से नहीं चूक रही है।

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