मोदी भय का ऐसा असर कि मायावती मांग रहीं मुलायम के लिए वोट

उत्तर प्रदेश की राजनीति में जातिगत आधार पर दबदबा रखने वाले ये दोनों विरोधी दल मोदी सरकार से छुटकारा पाने के लिए इस कदर विवश हैं कि अब बसपा सुप्रीमों मायावती मैनपुरी लोकसभा सीट पर प्रचार के लिए रैली करते हुए सपा उम्मीदवार मुलायम सिंह यादव के लिए वोट मांगने का काम करेंगी.

After two decade of sp bsp animosity mayawati to seek vote for Mulayam singh in mainpuri

सपा—बसपा—रालोद महागठबंधन एक मजबूरी है. बीते पांच साल के दौरान पहले लोकसभा चुनाव 2014 फिर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में बीजेपी के हाथ मिली हार ने प्रदेश की राजनीति में कट्टर प्रतिद्वंदी पार्टी सपा और बसपा एक साथ चुनाव लड़ी रही हैं. 

इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश की राजनीति में जातिगत आधार पर दबदबा रखने वाले ये दोनों विरोधी दल मोदी सरकार से छुटकारा पाने के लिए इस कदर विवश हैं कि अब बसपा सुप्रीमों मायावती मैनपुरी लोकसभा सीट पर प्रचार के लिए रैली करते हुए सपा उम्मीदवार मुलायम सिंह यादव के लिए वोट मांगने का काम करेंगी.

महागठबंघन की चौथी रैली शुक्रवार को मैनपुरी में होने जा रही है। बसपा अध्यक्ष मायावती भी अपने दशकों पुराने प्रतिद्वंद्वी सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के लिये वोट मांगने का काम करेंगी। मैनपुरी की क्रिश्चियन फील्ड में होने वाली इस रैली में मायावती और मुलायम के मंच साझा करने की सम्भावना है। इसके जरिये महागठबंधन प्रतिद्वंद्वियों को यह संदेश देने की कोशिश करेगा कि सभी दल बीजेपी को केन्द्र में सरकार बनाने से रोकने के लिए महागठबंधन को वोट करें.

सपा के जिलाध्यक्ष खुमान सिंह वर्मा ने बताया कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा मुखिया मायावती और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह भी इस रैली को सम्बोधित करेंगे। इस मौके पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव भी मंच पर मौजूद रहेंगे।

रैली की तैयारियों में जुटे मैनपुरी सदर से सपा विधायक राज कुमार उर्फ राजू यादव ने बताया कि मुलायम ने रैली में हिस्सा लेने की पुष्टि की है। हालांकि पहले राजनीतिक गलियारों में दावा किया जा रहा था कि महागठबंधन के बावजूद मायावती और मुलायम एक मंच पर आने का काम नहीं करेंगे.

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों के मुताबिक रैली में दोनों पार्टियों की कोशिश है कि कम से कम 40 लाख समर्थकों को एकत्र कर मोदी सरकार के खिलाफ कड़ा संदेश देने का काम किया जाए. गौरतलब है कि पार्टी सूत्रों के मुताबिक बसपा सुप्रीमों माआवती सैफई होते हुए मुलायम के लोकसभा क्षेत्र मैनपुरी में एंट्री करेंगी.

दोनों नेताओं को एक मंच पर देखने के बाद 5 जून 1995 की वह घटना सामने आती है जब लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड के बाद दोनों पार्टियां एक दूसरे की कट्टर दुश्मन बनीं और यह दुश्मनी दशकों तक राज्य की राजनीति की धुरी बनी रही. अब सबकी नजर मैनपुरी के मंच पर उस संदेश पर है जिससे मायावती मुलायम सिंह के लिए वोट मांगेंगी.

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