पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के पांच आईएएस अफसरों के आवास और प्रतिष्ठानों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी। जहां काफी नगदी भी मिली थी। आईएएस अफसर अभय के आवास पर तो 40 लाख की नगदी मिली थी। इसके बाद इन अफसरों को राज्य सरकार ने वेटिंग में डाल दिया था। इन अफसरों में बुलंदशहर के जिलाधिकारी अभय समेत पांच आईएएस अफसर शामिल थे।
उत्तर प्रदेश में खनन घोटाले में सीबीआई की जाल में फंसे पांच अफसरों की मुश्किलें जल्द ही और बढ़ेंगी। क्योंकि सीबीआई के बाद अब इन अफसरों पर ईडी का भी शिकंजा बढ़ने वाला है। इसके लिए ईडी ने तैयारी कर ली है और सीबीआई की रिपोर्ट की कॉपी के जरिए इनके खिलाफ ईडी में भी मामला दर्ज करने की तैयारी हो रही हैं।
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के पांच आईएएस अफसरों के आवास और प्रतिष्ठानों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी। जहां काफी नगदी भी मिली थी। आईएएस अफसर अभय के आवास पर तो 40 लाख की नगदी मिली थी। इसके बाद इन अफसरों को राज्य सरकार ने वेटिंग में डाल दिया था। इन अफसरों में बुलंदशहर के जिलाधिकारी अभय समेत पांच आईएएस अफसर शामिल थे।
यहीं नहीं सीबीआई की रिपोर्ट में यूपी कैडर के ही सीनियर अफसर और 1985 बैच के आईएएस जीवेश नंदन, 2005 बैच के आईएएस संतोष कुमार, 2009 बैच के आईएएस विवेक और 2011 बैच के आईएएस डीएस उपाध्याय का नाम शामिल है। इसके अलावा सचिवालय में तैनात उप सचिव हरि मोहन झा को भी खनन घोटालों में दोषी ठहराया गया है।
खनन घोटाले में सीबीआई और ईडी आईएएस अफसर बी. चंद्रकला के खिलाफ पहले से ही जांच कर रही है और कुछ महीनों पहले उन्होंने चंद्रकला के आवास पर छापा मारकर कई दस्तावेज अपने कब्जे में लिए थे। सीबीआई हालांकि अपने स्तर पर जांच कर रही है। लेकिन इस मामले में कई ऐसे लोगों पर भी छापे मारे गए जो खनन के कारोबार से जुड़े हुए थे और मनी लांड्रिंग के मामले में पहले से ही ईडी के रडार पर हैं।
लिहाजा ईडी मनी लांड्रिंग की आशंका को देखते हुए अपने स्तर पर जांच करने का तैयारी कर रहा है। बी. चंद्रकला के मामले में सीबीआई के बाद ईडी ने उनसे पूछताछ की थी। फिलहाल ईडी सीबीआई दिल्ली की स्पेशल क्राइम ब्रांच की ओर से दर्ज कराई गयी रिपोर्ट की कॉपी ले रही है और फिर उसकी जांच कर इन लोगों के खिलाफ जांच करेगी। क्योंकि इन अफसरों के आवासों से सीबीआई को भारी नगदी भी मिली है।