असल में दुबई में 22 दिसंबर को एएमयू और सर सैय्यद के नाम पर एक कार्यक्रम है और इसमें बेहतर काम करने वाले मुस्लिमों को अवार्ड दिए जाएंगे। इस कार्यक्रम को सर सैय्यद ग्लोबल एक्सीलेंस लीडरशिप अवार्ड नाम से आयोजित किया जा रहा है। जिसमें ज़िल्ले अहमद निज़ामी यूनिवरसिटी ऑफ इंजीनियरिंग व टैक्नोलोजी करांची, पाकिस्तान के संस्थापक को पुरस्कार दिया जा रहा है।
-एएमयू प्रशासन ने कहा कि यूनिवर्सिटी का संबंध कार्यक्रम से नहीं, पुराने छात्र हैं आयोजक
पाकिस्तान को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक बार फिर बार विवादों में है। इस बार एक पाकिस्तानी नागरिक को सर सैय्यद अहमद खान अवार्ड देने को लेकर विवाद है। इससे पहले भी एएमयू में पाकिस्तान को लेकर विवाद हो चुका है। हालांकि एएमयू प्रशासन का कहना है कि वह इस तरह के किसी भी कार्यक्रम का आयोजक नहीं बल्कि इस कार्यक्रम को पूर्व छात्रों द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
असल में दुबई में 22 दिसंबर को एएमयू और सर सैय्यद के नाम पर एक कार्यक्रम है और इसमें बेहतर काम करने वाले मुस्लिमों को अवार्ड दिए जाएंगे। इस कार्यक्रम को सर सैय्यद ग्लोबल एक्सीलेंस लीडरशिप अवार्ड नाम से आयोजित किया जा रहा है। जिसमें ज़िल्ले अहमद निज़ामी यूनिवरसिटी ऑफ इंजीनियरिंग व टैक्नोलोजी करांची, पाकिस्तान के संस्थापक को पुरस्कार दिया जा रहा है। लिहाजा एक पाकिस्तानी को अवार्ड दिए जाने को लेकर एएमयू फिर विवादों में है।
हालांकि विवाद होने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने ऐसी किसी भी अनुमति से इनकार किया है। एएमयू प्रशासन का कहा है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन किसी भी तरह के कार्यक्रम का आयोजन नहीं कर रहा है और इस एएमयू के ओल्ड बॉय द्वारा आयोजित किया जा रहा है। हालांकि इसमें एएमयू का नाम शामिल किया जा रहा है और इसी को लेकर विवाद है। हालांकि आयोजकों ने एएमयू इंतज़ामिया से कोई भी परमिशन या इंफॉर्मेशन नहीं दी गई है।
इस बारे में एएमयू पीआरओ अमर पीरज़ादा ने किसी भी तरह की अनुमति से इंकार किया ह। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के आयोजक से बात हुई है। जिन्होंने किसी भी पाकिस्तानी को कार्यक्रम में बुलाने से इनकार किया है हालांकि इस कार्यक्रम का एएमयू से कोई संबंध नहीं है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले एक कश्मीरी छात्र को यूनिवर्सिटी से निकाले जाने को लेकर काफी विवाद हुआ था। जिस पर वहां पढ़ने वाले कश्मीर छात्रों ने पढ़ाई छोड़ने का फैसला किया था। इससे पहले यूनिवर्सिटी में मो. अली जिन्ना की तस्वीर लगाने को लेकर विवाद हुआ था।