अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के दलाल क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण के बाद भारतीय मीडिया के एक धड़े ने यह खबर चलानी शुरू कर दी कि मिशेल को दुबई की एक शहजादी के बदले में भारत प्रत्यर्पित किया गया है।
मीडिया के एक धड़े द्वारा चलाई जा रही उन खबरों को कोस्ट गार्ड ने खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया गया है कि बल ने दुबई से भागी शहजादी को गोवा तट से 50 नॉटिकल मील की दूरी पर एक ऑपरेशन के बाद पकड़ा था और फिर भारत ने उन्हें दुबई को सौंप दिया।
ब्रिटिश मीडिया में कुछ समय पहले यह खबर प्रकाशित की गई थी। इसके बाद अब भारतीय मीडिया के एक धड़े ने यह खबर चलानी शुरू कर दी कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के दलाल क्रिश्चियन मिशेल को दुबई की एक शहजादी के बदले में भारत प्रत्यर्पित किया गया है। इन खबरों में दावा किया गया है कि शहजादी लतीफा एक फ्रांसीसी जासूस की मदद से दुबई से भागी थीं। उन्हें भारतीय कोस्ट गार्ड ने एक कमांडो कार्रवाई के बाद गोवा से 50 नॉटिकल मील की दूरी पर गिरफ्तार किया था। इसके बाद दोनों को दुबई के अमीर के पास वापस भेज दिया गया।
बल के प्रवक्ता ने 'माय नेशन' से कहा, कोस्ट गार्ड ऐसी किसी भी कार्रवाई में शामिल नहीं था। कोस्ट गार्ड ने किसी शहजादी से संबंधित ऑपरेशन को अंजाम नहीं दिया। उन्होंने कहा, यहां तक कि खबर प्रकाशित करने से पहले किसी विदेशी अथवा भारतीय मीडिया ने इन रिपोर्टों को लेकर पक्ष जानने के लिए कोस्ट गार्ड से संपर्क नहीं किया।
'माय नेशन' नजर डाल रहा है उन कारणों पर जिनके आधार पर इन मीडिया समूहों के दावे गलत साबित होते हैं। यह अगस्ता वेस्टलैंड मामले की जांच के सिलसिले में ब्रिटिश दलाल क्रिश्चियन मिशेल का प्रत्यर्पण कराने में मोदी सरकार की सफलता का श्रेय कमतर करने का प्रयास ज्यादा नजर आ रहा है।
1. तथाकथित ऑपरेशन के समय और क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण के समय में कोई मेल नहीं है। सीबीआई और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल को आपराधिक जांच के लिए मिशेल का सफल प्रत्यर्पण कराने का श्रेय देने के बजाय मोदी विरोधी कुछ ताकतें इसे कोस्ट गार्ड और यूएई की सेना के तथाकथित ऑपरेशन का परिणाम बता रही हैं। यह तथाकथित ऑपरेशन मार्च 2018 का बताया जा रहा है। जबकि मिशेल का प्रत्यर्पण दिसंबर 2018 में हुआ है। अगर दुबई के अमीर भारत सरकार के इस तथाकथित एहसान से इतना प्रभावित थे तो वे क्रिश्चियन मिशेल को भारत को पहले सौंप सकते थे।
2. मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि इस ऑपरेशन को काले कपड़े पहने कुछ कमांडो ने अंजाम दिया। लेकिन स्पेशल ऑपरेशन करने के लिए कोस्ट गार्ड की कोई अलग से कमांडो इकाई नहीं है।
3. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फ्रांस का जो जासूस शहजादी लतीफा की भागने में मदद कर रहा था उसके पास घटना का कोई भी फोटो साक्ष्य नहीं हैं, लेकिन उसने दूसरे तरीकों से साबित किया है कि कोस्ट गार्ड इस तथाकथित ऑपरेशन में शामिल था। इस जासूस ने जिस बोट की पहचान की है, कोस्ट गार्ड के अधिकारियों का कहना है कि ऐसी कोई नौका है ही नहीं।