जुलाई में इंडिगो के दो विमान बीच हवा में एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए थे। कोयंबटूर से हैदराबाद जाने वाली फ्लाइट 6ई-779 और बंगलूरू से कोच्चि जाने वाली फ्लाइट 6ई-6505 25,000 फीट की ऊंचाई पर 200 मीटर की दूरी से टकराने से बचीं
भारत में दो विमानों के आपस में टकराने से बाल-बाल बचने की घटनाएं आम होती जा रही हैं। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अनुसार, 2014 से 2017 के बीच हर महीने हवा में विमानों के टकराने से बचने की घटनाओं का औसत दो था। लेकिन वर्ष 2018 में यह दोगुना हो गया है। इस साल के पहले चार महीने में हर हफ्ते ऐसी एक घटना दर्ज की गई।
पिछले चार साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2014 में भारत के हवाई क्षेत्र में विमानों के टकराने से बचने की सबसे ज्यादा 33 घटनाएं सामने आई थीं। लेकिन इस साल 30 जून तक ही ऐसी 26 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। इन मामलों की जांच से जुड़े डीजीसीए के अधिकारियों ने बताया कि हवा में टकराने से बचने अथवा हवाई हादसों का आंकड़ा 2018 में 50 का आंकड़ा पार कर सकता है।
जुलाई में इंडिगो के दो विमान बीच हवा में एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए थे। कोयंबटूर से हैदराबाद जाने वाली फ्लाइट 6ई-779 और बंगलूरू से कोच्चि जाने वाली फ्लाइट 6ई-6505 25,000 फीट की ऊंचाई पर 200 मीटर की दूरी से टकराने से बचीं। इसी तरह मई में नौसेना का एक विमान चेन्नई के हवाई क्षेत्र में बंगलूरू जा रहे इंडिगो के एक विमान के सामने आ गया था।
डीजीसीए मुंबई के हवाई क्षेत्र को लेकर भी चिंतित हैं। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 2015 से हर साल दो हवाई हादसे हो रहे हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के डाटा के अनुसार, मुंबई में इस साल पहले छह महीने में दो हवाई हादसे हुए। इनमें 12 लोगों की जान चली गई।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के डाटा के अनुसार, पिछले तीन साल में 24 पायलटों को निलंबित किया गया है। वहीं एयरक्राफ्ट मेंटीनेंस इंजीनियर को मेंटीनेंस के काम में गलती करने का दोषी पाया गया है।
इस तरह के मामलों को गंभीरता से लेते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारत के हवाई क्षेत्र को दो हिस्सों में बांटने का फैसला किया है। चार फ्लाइट सूचना क्षेत्रों (एफआईआर) के ऊपरी हवाई क्षेत्र को इसके अनुसार ढालने के परियोजना पर काम शुरू हो चुका है। इन एफआईआर में समुद्र तल से 25,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ानों का नियंत्रण इन चार मेट्रो शहरों में स्थित एयर ट्रैफिक कंट्रोल द्वारा किया जाता है। चेन्नई और कोलकाता के एफआईआर ने ऊपरी हवाई क्षेत्र को योजना के अनुरूप ढालने का काम पूरा कर लिया है। जल्द ही दिल्ली और मुंबई के एफआईआर पर काम शुरू कर दिया जाएगा।