मुलायम की सिफारिश पर भी अखिलेश ने सौतेले भाई की पत्नी को नहीं दिया टिकट, शिवपाल की पार्टी से लड़ सकती हैं चुनाव

By Team MyNation  |  First Published Mar 15, 2019, 3:53 PM IST

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने सौतेले भाई प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव का जोरदार झटका किया है। अखिलेश यादव ने संभल सीट से टिकट मांग रही अपर्णा यादव की दावेदारी को खारिज करते हुए वहां पर शफीकुर रहमान बर्क को लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया है।

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने सौतेले भाई प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव का जोरदार झटका किया है। अखिलेश यादव ने संभल सीट से टिकट मांग रही अपर्णा यादव की दावेदारी को खारिज करते हुए वहां पर शफीकुर रहमान बर्क को लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया है।

अपर्णा यादव संभल सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती थी। लिहाजा अपर्णा ने पिछले कुछ दिनों से अपने चचेरे ससुर शिवपाल यादव से दूरी बनाकर रखी थी। अपर्णा को शिवपाल का करीबी माना जाता है और जब शिवपाल सिंह यादव ने लखनऊ में अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी(लोहिया) पार्टी की लखनऊ में बड़ी रैली की थी तो अपर्णा मंच पर मुलायम सिंह के साथ पहुंची थी। अपर्णा शिवपाल को अपना राजनैतिक गुरू मानती है और इस बात का उल्लेख वह कई बार पब्लिक प्लेटफार्म पर कर चुकी हैं। पिछले कुछ दिनों से अपर्णा अखिलेश खेमें में ज्यादा सक्रिय हो गयी थी। वह संभल से चुनाव लड़ना चाहती थी।

लेकिन अब अखिलेश ने वहां से शफीकुर रहमान बर्क को टिकट दिया है। लिहाजा इस सीट पर अब अपर्णा की दावेदारी खत्म हो गयी है। अपर्णा अखिलेश यादव की सौतेली मां साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी है। वह मुलायम सिंह के साथ ही लखनऊ में रहती हैं। अपर्णा ने 2017 में विधानसभा का चुनाव सपा के टिकट पर लखनऊ की कैंट सीट पर लड़ा था। लेकिन वह भाजपा नेता रीता बहुगुणा जोशी से चुनाव हार गयी थी। तब अपर्णा को टिकट भी सपा संरक्षक मुलायम सिंह और डिंपल यादव की सिफारिश पर दिया गया था। लेकिन अखिलेश तब भी अपर्णा के लिए चुनाव प्रचार नहीं किया था।

गौरतलब है कि डिंपल और अपर्णा दोनों उत्तराखंड के गढ़वाल से ताल्लुक रखती हैं। कुछ दिन पहले ही अपर्णा ने कहा था कि उन्हें संभल से गठबंधन प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ाया जा सकता है और इसका फैसला नेताजी करेंगे। उन्होंने कहा था कि नेताजी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जो भी फैसला करेंगे, वह मेरे हित में होगा। राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद अपर्णा की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नजदिकियां बढ़ी तब ये कयास लगाए जा रहे थे कि वह भाजपा में शामिल हो सकती हैं।
 

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