जम्मू मुठभेड़ का लाइव वीडियोः 3 आतंकी ढेर, सर्जिकल स्ट्राइक का हीरो घायल

By Gursimran Singh  |  First Published Sep 13, 2018, 5:35 PM IST

मेजर रैंक का यह अधिकारी पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले एक दल का कर चुका है नेतृत्व, शौर्य चक्र से किया गया है सम्मानित, मुठभेड़ में डिप्टी एसपी समेत 8 अन्य सुरक्षाकर्मी भी जख्मी।

सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर के झज्जर कोटली इलाके में बुधवार से घेरे गए तीन आतंकियों को मार गिराया है। मौका पाकर  तीसरा आतंकी जंगलों में भाग गया था लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उसे भी ढेर कर दिया। इस मुठभेड़ के दौरान मीडिया की टीमों पर तीसरे आतंकी ने फायरिंग की। उन्हें बचाने में 9 पैरा स्पेशल फोर्स के मेजर घायल हो गए। मेजर डी उपाध्याय वर्ष 2016 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में सर्जिकल स्ट्राइक करने वाली एक टीम का नेतृत्व भी कर चुके  हैं। उन्हें इस अदम्य साहस के लिए शौर्य चक्र से भी नवाजा जा चुका है।
 
इस मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक सहित आठ सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं। घायलों में सीआरपीएफ के पांच जवान शामिल हैं। उन्हें कटरा के नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बुधवार सुबह 8:00 बजे झज्जर कोटली में सीआरपीएफ ने जम्मू से कश्मीर जा रहे एक ट्रक में संदिग्ध गतिविधि देखने के बाद उसकी छानबीन शुरू की थी जिसके बाद ट्रक में छिपे आतंकियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर गोलियों की बौछार शुरू कर दी और पास के जंगलों में जा छिपे। जम्मू-कश्मीर पुलिस, आर्मी और सीआरपीएफ ने पूरे इलाके में ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू किया था।

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बृहस्पतिवार सुबह तकरीबन 9:30 बजे आतंकियों के एक घर में छिपे होने की खबर मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया। दो आतंकियों को मार गिराया गया। वहीं एक आतंकी गोली लगने के बाद पास के जंगलों में भागने में सफल रहा। तीसरे आतंकी ने मीडियाकर्मियों को निशाना बनाकर फायरिंग भी की। तभी सेना के 9 पैरा ने मोर्चा संभाला और आखिरी आतंकी को मार गिराया। इसमें 9 पैरा के जांबाज मेजर जख्मी हो गए। लेकिन जख्मी होने के बावजूद वह आतंकी पर गोलियों की बौछार करते रहे। इसके बाद तीसरे आतंकी को भी खत्म कर दिया गया। इस बीच, सेना के सूत्रों ने शुक्रवार को 'माय नेशन' को बताया कि घायल मेजर की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। उनके जख्म बहुत ज्यादा गहरे नहीं हैं। 
 
इससे पहले, मीडिया से बात करते हुए एकीकृत बल के जीओसी मेजर जनरल अरविंद भाटिया ने बताया कि तीनों आतंकी घटना से 24 घंटे पहले सांबा के बोबिया बॉर्डर से भारत में दाखिल हुए थे और उनका मकसद घाटी में लश्कर-ए-तय्यबा के आतंकियों तक पहुंचना था। आतंकियों से जिस प्रकार की आईडी बरामद हुए हैं उन से यही लगता है ये लोग लश्कर-ए-तय्यबा या जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े थे। बताया जाता है कि इन आतंकियों ने देर शाम 8:00 बजे एक घर में घुसकर वहां रह रहे 4 लोगों को तकरीबन सवा घंटे के लिए बंधक बना लिया था। इसके बाद ये लोग पहनने के लिए कुछ कपड़े लेकर वहां से फरार हो गए।

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आतंकियों ने रात को छुपने के लिए जंगल का सहारा लिया। सुरक्षा बलों ने रात में ही बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू कर दिया था। सुबह आतंकियों को ट्रेस करने के बाद खत्म कर दिया गया। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा बलों पर फायरिंग के बाद जम्मू और रियासी जिले के झज्जर कोटली वन क्षेत्र में आतंकवादियों को पकड़ने के लिए घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया गया था। इसमें ड्रोन और हेलीाकॉप्टरों का इस्तेमाल किया गया। साथ ही सेना की स्पेशल फोर्स को भी लगाया गया था।
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